नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने नोएडा के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह की आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति की सीबीआई जांच संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका खारिज की.
उत्तर प्रदेश सरकार अपना पक्ष मजबूत करने के लिए कपिल सिब्बल को अपना वकील रखा था लेकिन सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी. इस फैसले के बाद यादव सिंह पर शिकंजा और मजबूत हो गया है. सीबीआई के मुताबिक नवंबर 2014 में आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान यादव सिंह के ठिकानों से मिले इनकम टैक्स रिटर्न्स से हुए खुलासे के अनुसार पूरे परिवार की बचत करीब 1.7 करोड़ रुपये थी, जबकि उनके पास 3.6 करोड़ की अचल संपत्ति मिली है.