Rourkela News: स्टील सिटी हर साल मार्च और अप्रैल में फूलों की चाहर ओढ़ लेती है. रंग-बिरंगे फूल इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. स्टील सिटी के रिंगरोड से यात्रा कर रहे लोग इसके मनमोहक नजारे में खोने से खुद को रोक नहीं पाते हैं. अभी स्टील सिटी में यही नजारा हर ओर देखा जा रहा है. गुलाबी और पीले फूलों से पूरी स्टील सिटी ढकी हुई है. हर ओर खिले फूल न केवल लोगों को खुश कर रहे हैं, बल्कि सभी अपने शहर की इस मदहोश करने वाले छटा को देखकर गौरवान्वित भी महसूस कर रहे हैं.
स्थापना काल से रही है स्टील सिटी में पर्यावरण जागरूकता
अपने स्थापना काल के समय से ही स्टील सिटी में पर्यावरण को लेकर एक जागरूकता रही है. हरियाली के साथ ही फूलों के लिए विशेष पौधरोपण किये गये हैं. खासकर रिंग रोड के डिवाइडर के बीच हजारों पौधे लगे हैं, जिनमें यह गुलाबी और पीले फूल आते हैं. इनकी देखरेख पर विशेष ध्यान दिया जाता है और पानी से लेकर खाद तक की व्यवस्था राउरकेला इस्पात संयंत्र की ओर से की जाती है. लोग भी इसके प्रति काफी जागरूक हैं और वे इन फूल के पेड़ को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. नतीजतन सालों भर यह खूबसूरत नजारा दिखता है. लेकिन मार्च-अप्रैल में इसकी खूबसूरती बाकी समय के मुकाबले काफी बढ़ जाती है.
ओडिशा में ऐसी खुबसूरती कहीं नहीं
ओडिशा के अन्य शहरों में भी हरियाली है, लेकिन जिन गुलाबी-पीले फऊलों की बात हो रही है, उसे योजनाबद्ध तरीके से उगाकर निरंतर विकास की देखरेख मैंने कहीं नहीं देखी. यह बातें वरिष्ठ पत्रकार सत्यानंद मोहंती ने कही. उन्होंने कहा कि यह फूल शहर को खास बनाते हैं और इसका श्रेय स्टील सिटी के नागरिकों और वहां के प्रशासक को दिया जाना चाहिए. जब आर्थिक मोर्चे पर आरएसपी अच्छा नहीं कर पा रही थी और नुकसान हो रहा था, तब भी हरियाली और फूलों की देखरेख में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ी गयी. पांच दशक से मैं व्यक्तिगत रूप से इसका अनुभव कर रहा हूं. भले ही वर्ष 2014 में राउरकेला को स्मार्ट सिटी का तमगा मिला, लेकिन अगर अतीत को खंगाले तो स्टील सिटी की वजह से राउरकेला शुरू से ही स्मार्ट रहा. इसमें रिंग रोड और वहां की हरियाली तथा इन फूलों ने विशेष भूमिका अदा की.
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