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Sundargarh News: तेलेनडीही के बाद अब जामकानी रिजर्व फॉरेस्ट से खनिच चोरी का खुलासा

Sundargarh News: खनिज माफियाओं ने जामकानी आरक्षित वन में कई खदानें खोदकर उससे कोयला निकाला है और जंगल के अंदर 20 से अधिक स्टॉक यार्ड बनाये हैं.

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Sundargarh News: सुंदरगढ़ में बहुचर्चित खनिज चोरी की जांच शुरू हुए 19 दिन हो गये हैं. जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, खनिजों की चोरी के नये-नये खुलासे एक के बाद एक हो रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में अब पता चल रहा है कि खदान माफियाओं ने सुंदरगढ़ वन मंडल के गोपालपुर फॉरेस्ट रेंज के रतनसरा से सटे जामकानी आरक्षित वन में कई खदानें खोदकर उससे कोयला निकाला है और जंगल के अंदर 20 से अधिक स्टॉकयार्ड बनाये हैं. कई स्टॉकयार्डों से सैकड़ों टन कोयला पहले ही भेजा जा चुका है.

जंगल में सड़कें बना कोयले का किया बेतहाशा परिवहन

इतना ही नहीं, माफिया संरक्षित वन के भीतर सड़कें बनाकर कोयले का बेतहाशा परिवहन भी कर रहे हैं. बताया गया है कि यह सड़कें जंगल से छत्तीसगढ़ तक जाती हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि खनिजों की लूट एक दिन या एक महीने से नहीं, बल्कि कई वर्षों से चल रही हैं. तेलेडीही जंगल के बाद अब जामकानी जंगल में चल रही खनिज लूट का मामला प्रकाश में आने के बाद वन विभाग सकते में है. सवाल उठता है कि विभाग को इस बात का पता कैसे नहीं चला या फिर उसने जानबूझकर इस मामले में ढिलाई बरती. वहीं इस समय एक संबंधित मुद्दा चर्चा में आया है.

मई, 2024 में वन क्षेत्राधिकारी ने तहसीलदार को कार्रवाई के लिए लिखा था पत्र

पिछले साल मई में गोपालपुर वन क्षेत्राधिकारी ने तत्कालीन तहसीलदार लबोयेंदु मोहंती को पत्र लिखकर तेलेनडीह जंगल में अवैध खनन और कोयला तस्करी की जानकारी दी थी और कार्रवाई करने को कहा था. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिससे जिलापाल ने पत्र छिपाने और कोई कार्रवाई नहीं करने पर मोहंती को कारण बताओ नोटिस जारी किया. गोपालपुर वन क्षेत्राधिकारी ने मीडिया को यह जानकारी देते हुए बताया कि अगर एक साल पहले कुछ कार्रवाई की गयी होती, तो बड़े पैमाने पर खनिज लूट को रोका जा सकता था. यह सर्वविदित है कि आरक्षित वनों में बड़ी-बड़ी खदानें खोदी जा रही हैं, पेड़ों को काटा जा रहा है, वनों के बीच से सड़कें बनायी जा रही हैं तथा रास्ते से छत्तीसगढ़ क्षेत्र में नियमित रूप से कोयला पहुंचाया जा रहा है.

वन विभाग ने आरक्षित वन में अवैध खनिज या कोयला भंडार नहीं होने का किया था दावा

खनिज लूट की पहली घटना प्रकाश में आने के बाद सुंदरगढ़ वन विभाग ने कहा कि आरक्षित वन में कोई अवैध खनिज या कोयला भंडार नहीं है. जिससे पता चला कि खनन और कोयला चोरी केवल रेवेन्यू फॉरेस्ट में ही हो रही थी. यहां तक कि स्वयं वन मंत्री गणेश राम खुंटिया ने भी सुंदरगढ़ खनन क्षेत्र का दौरा करते हुए मीडिया के समक्ष वन विभाग के इस बयान को दोहराया था कि आरक्षित वन में कोई अवैध खनन नहीं किया जा रहा है. अब मीडिया ने इस पत्र के संबंध में वन मंत्री खुंटिया का ध्यान आकृष्ट कराया है तथा पूछा है कि वन विभाग के अधिकारी चुप क्यों हैं, तो मंत्री ने कहा कि इसकी जांच कर कार्रवाई की जाेयगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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