Rourkela News: ईस्ट कोस्ट रेलवे की बहुप्रतीक्षित तालचेर-बिमलागढ़ रेलपथ परियोजना के लिए अभी तक आवश्यक भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जा सका है. जिससे दिसंबर, 2027 तक निर्धारित समयसीमा के भीतर यह परियोजना पूरी हो सकेगी या नहीं, इस पर संशय बरकरार है.
सुंदरगढ़, देवगढ़ और अनुगूल में अभी भी बाकी है भूमि अधिग्रहण का काम
जानकारी के अनुसार, सुंदरगढ़ जिले में 212.98 एकड़ निजी भूमि अधिग्रहित की गयी है और 34.66 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना बाकी है. इसी तरह 81.26 एकड़ सरकारी भूमि दी गयी है और 56.85 एकड़ भूमि का हस्तांतरण किया जाना बाकी है. आवश्यक 94.208 एकड़ वन भूमि पहले ही हस्तांतरित की जा चुकी है. देवगढ़ जिले में 76.81 एकड़ निजी भूमि अधिग्रहित की गयी है और 115.7 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना बाकी है. 40.33 एकड़ सरकारी भूमि हस्तांतरित की गयी है और 30.09 एकड़ भूमि का हस्तांतरण किया जाना बाकी है. 182.415 एकड़ वन भूमि हस्तांतरित की गयी है और 13,70 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना बाकी है. अनुगूल जिले में 553.705 एकड़ निजी भूमि अधिग्रहित की गयी है और 10.31 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना बाकी है. 189.433 एकड़ सरकारी भूमि हस्तांतरित की जा चुकी है, जबकि 21.841 एकड़ भूमि का अधिग्रहण शेष है. 326.29 एकड़ आवश्यक वन भूमि को हस्तांतरित किया जा चुका है. इसे लेकर ईस्ट कोस्ट रेलवे से जुड़े सूत्राें ने कहा है कि न्यायालय में लंबित मामले के कारण भूमि अधिग्रहण में समस्या आ रही है.
तालचेर से सामल तक रेलपथ बनकर तैयार, ट्रेन चलने का इंतजार
इस रेलपथ परियोजना में तालचेर छोर से सबसे तेजी से काम चल रहा है. यहां पर तालेचर से लेकर सामल तक 34 किलोमीटर रेलपथ बनकर तैयार है. इसकी कमिशनिंग होने के साथ सीआरएस की ओर से सुरक्षा जांच भी कर ली गयी है. जिससे अंचल के लोगों ने पुरी से तालचेर तक चलनेवाली ट्रेनों को सामल तक चलाने की मांग थी. साथ ही रथ यात्रा को लेकर गत 20 जुलाई से इसे चालू करने की मांग रखी गयी थी. लेकिन ऐसा न होने से अंचल के लाेगों में आक्रोश देखा जा रहा है.
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