चक्रधरपुर. बिना सुरक्षा बेल्ट लगाये सीढ़ी पर चढ़कर रहा था काम
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खंभे से गिरा बिजली मिस्त्री,मौत
चक्रधरपुर. बिना सुरक्षा बेल्ट लगाये सीढ़ी पर चढ़कर रहा था काम मृतक के परिजनों को सरकार से मिलने वाली सुविधाएं व परिजन के एक सदस्य को मिलेगी नौकरी चक्रधरपुर : बिना सुरक्षा बेल्ट लगाये बिजली के खंभे में सीढ़ी लगाकर काम करने के दौरान गिरने से एक बिजली मिस्त्री की मंगलवार को मौत हो गयी. […]
मृतक के परिजनों को सरकार से मिलने वाली सुविधाएं व परिजन के एक सदस्य को मिलेगी नौकरी
चक्रधरपुर : बिना सुरक्षा बेल्ट लगाये बिजली के खंभे में सीढ़ी लगाकर काम करने के दौरान गिरने से एक बिजली मिस्त्री की मंगलवार को मौत हो गयी. मृतक शहरी क्षेत्र वार्ड 5 कंसारीटोला का रहने वाला टिकनु साहु है. बताया जाता है कि रामनवमी को लेकर नगर पर्षद कार्यालय द्वारा बिजली व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए मेन रोड की बिजली लाइनों को ठीक किया जा रहा था. टिकनु खंभे पर बिना सुरक्षा बेल्ट लगाये सीढ़ी के सहारे चढ़ा था. बिजली के खंभों में लगे एलइडी लाइटों को वह दुरुस्त कर रहा था.
प्रखंड कार्यालय की ओर के खंभों के लाइटों को दुरुस्त करने के बाद वह शहीद भगत सिंह चौक के समीप मेन लाइन के एक खंभे में चढ़ कर लाइन दुरुस्त कर रहा था. ट्रैक्टर के उपर एक बांस की सीढ़ी लगा कर वह खंभे पर चढ़ा था. सीढ़ी अनियंत्रित हो जाने से वह ट्रैक्टर के उपर मुंह के बल गिर गया. जिससे उसके चेहरे पर गहरी चोट आयी और बुरी तरह से घायल हो गया. उसे आनन फानन में अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया गया.जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मौत की खबर मिलते ही कंसारी टोला में सन्नाटा पसर गया. उसके शव के देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी. नगर पर्षद अध्यक्ष केडी साह, कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार व कई वार्ड पार्षद भी पहुंचे.
सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी:खंभे पर बिजली लाइन ठीक करने वाली मिस्त्रितयों के लिए सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. कहीं भी स्ट्रीट लाइट में काम होता है तो उसके लिए कोई सुरक्षा बेल्ट या अन्य सुविधा मुहैया नहीं करायी जाती है. न ही जिस स्थान पर काम किया जाता है, वहां कोई सुरक्षा घेरा ही होता है.
मिलेगा मुआवजा व नौकरी:नप अध्यक्ष केडी साह ने कहा कि मृतक के आश्रित को नप में अनुबंध पर नौकरी दी जायेगी तथा सरकार के स्तर से तय मुआवजा भी प्रदान किया जायेगा. इस संदर्भ में एक लिखित आश्वासन कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने भी दिया है. सदानंद होता से लिखित आश्वासन लिया गया है.
नहीं दिखा है कहीं भी दस्ताना पहने मजदूर:नगर पर्षद अथवा बिजली विभाग में कार्यरत मजदूरों को कभी भी दस्ताना पहन कर काम करते नहीं देखा गया है. खंभों को ठीक करने वाला वाहन भी नहीं है. सभी लकड़ी की सीढ़ी में चढ़कर, नंगे हाथों से काम करते हैं.
सुरक्षा उपकरण में दस्ताना, जूता व प्लास दिया जाता है
नगर पर्षद कार्यालय के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि बिजली खंभा या अन्य किसी ऊंची जगह में काम करने के लिए मजदूरों को सुरक्षा के तौर पर दस्ताना, जूता व प्लास दिया जाता है. परंतु मजदूर सुरक्षा सामग्रियों का उपयोग नहीं करते हैं
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