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23 दिन बाद सपानी तक पहुंचे 10 हजार
राहत की घूट कड़वी. प्रशासन ने प्रताड़ना की शिकार को राहत देने की थी घोषणा 20 दिन इलाज के बाद सपानी को घर ले आये परिजन, अब दवा नहीं दुआ पर चल रही जिंदगी चाईबासा : प्रशासन की ओर से सपानी के बेहतर इलाज के लिए दस हजार रुपये देने का एलान तो कर दिया […]
राहत की घूट कड़वी. प्रशासन ने प्रताड़ना की शिकार को राहत देने की थी घोषणा
20 दिन इलाज के बाद सपानी को घर ले आये परिजन, अब दवा नहीं दुआ पर चल रही जिंदगी
चाईबासा : प्रशासन की ओर से सपानी के बेहतर इलाज के लिए दस हजार रुपये देने का एलान तो कर दिया था लेकिन यह राशि सपानी के पास तब पहुंची जब पैसे के अभाव में परिजन उसे अस्पताल से लेकर घर लेकर आ गये. राहत की यह घूट दवा से मरहूम सपानी के लिए काफी कड़वी साबित हुई.
घोषणा के लगभग 23 दिन बाद सपानी के घर जानकर जगन्नाथपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रदीप कुमार महतो ने बुधवार को दस हजार रुपये का भुगतान किया. कल्याण विभाग की ओर से सहयोग राशि देने की 14 मार्च को प्रशासन ने की थी. लेकिन यह राशि पीड़ित तक प्रशासन को पहुंचाने में 23 दिन लग गये. प्रभात खबर द्वारा सपानी का मामले का प्रकाश में लाये जाने के बाद उपायुक्त की पहल पर ही प्रशासन ने स्वयं सपानी को नोवामुंडी थाना अंतर्गत उसके गांव से बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल पहुंचाया था.
तब प्रशासन की ओर से इस परिवार को इलाज के साथ दूसरे सहयोग का आश्वासन भी मिला था. यहां लगभग 20 दिन तक उसका इलाज चला. खाने-पीने तक को पैसे नहीं रहने वाला यह परिवार आखिरकार किस तरह इलाज के मोरचे पर डटा रहता. अस्पताल प्रबंधन उपलब्ध दवा के अलावा दूसरी दवा बाहर से खरीदकर इस परिवार को लाना पड़ता था. इस बीच परिजन आर्थिक तंगी से टूटता चला गया. इस बीच प्रशासन ने पीड़िता की कोई खबर नहीं ली. लिहाजा परिवार छह अप्रैल को सपानी को फिर से घर ले आया.
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