चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय के कथित पीएचडी घोटाले की जांच से जुड़ा सबसे बड़ा खुलासा हुआ है. जांच कमेटी की अब तक तहकीकात में पता चला है कि वर्ष 2012 में आयोजित विवि की पहली पीएचडी प्रवेश परीक्षा से पहले ही उम्मीदवारों का पीएचडी में पंजीकरण कर दिया गया. यह तब किया गया, जब विवि में शोध के लिए कोई नियमावली तक नहीं बनी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने वर्ष 2006 में ही सभी विवि को स्पष्ट निर्देश दिया था कि बिना शोध प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण किये हुए किसी छात्र का पंजीकरण शोध के लिए नहीं किया जा सकता. कोल्हान विवि ने यूजीसी के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए उम्मीदवारों का शोध में पंजीकरण किया.
विवि में पीएचडी घोटाले की जांच करने वाली कमेटी के चेयरमैन सह प्रतिकुलपति प्रो. डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि विवि में शोध प्रवेश परीक्षा से पहले ही पंजीकरण किया गया है. आयोग ने यूजीसी नेट पास करने वाले उम्मीदवारों को ही विवि स्तर पर अायोजित होने वाली शोध प्रवेश परीक्षा से छूट दी है. विवि ने इस नियम का फायदा पैरवी वाले सामान्य उम्मीदवारों को पहुंचाया. मामले की जांच कर रही कमेटी इस पूरे प्रकरण की गहन पड़ताल के लिए विवि के अलग-अलग विषयों में रिसर्च गाइड बने असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर से इस संबंध में पूछताछ करने वाली है. अब तक इस जांच के लिए करीब 98 शिक्षकों के नाम शॉट लिस्ट किये गये हैं.
मामले की जांच करने वाली कमेटी ने पकड़ी अब तक की सबसे बड़ी अनियमितता
शोध कराने वाले करीब 98 रिसर्च गाइड को पूछताछ के लिए कमेटी करेगी तलब
पीएचडी जांच कमेटी की तीसरी बैठक की तिथि अगले हफ्ते हो जाएगी तय
पूरे मामले पर लगी राजभवन की निगाहें, जांच कर रहे पदाधिकारियों से ले रहे ब्यौरा
जांच कमेटी सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर पड़ताल कर रही है. सभी पीजी डिपार्टमेंट से अब तक हुए पंजीकरण के बारे में विस्तृत ब्यौरा देने के लिए कहा गया है.
– डॉ. रणजीत कुमार सिंह, प्रतिकुलपति, कोल्हान विवि
अगले हफ्ते तय होगी कमेटी की बैठक की नई तिथि
विवि में पीएचडी घोटाले की जांच करने वाली पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक की तिथि अगले हफ्ते घोषित हो जायेगा. जांच कमेटी जल्द से जल्द इस मामले का निस्तारण करना चाहती है. जांच में फंस कर सामान्य छात्रों का नुकसान हो रहा है. पूरे राज्य स्तर के उच्च शिक्षा जगत को झकझोर कर रख देने वाले पीएचडी घोटाले पर राजभवन की निगाहें लगी हुई हैं. इस संबंध में राजभवन के वरीय पदाधिकारी लगातार कमेटी के सदस्यों के संपर्क में हैं. विश्वस्त सूत्रों की माने तो संबंधित मामले पर राजभवन में पदस्थापित एक वरीय अधिकारी की ओर से इस मामले में संबंधित कमेटी के सदस्य से जानकारी प्राप्त की गई है. कहा गया है कि मामला बेहद संवेदनशील है. लिहाजा इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिये. यह राज्य के उच्च शिक्षा को बदनाम करने वाले तत्वों के लिये चेतावनी होगी.