खरसावां.खरसावां के आमदा व राजनगर में 12 साल बाद भी सिल्क पार्क का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. विधायक दशरथ गागराई ने इस अधूरे निर्माण कार्य को विधानसभा में उठाया. तारांकित प्रश्न के माध्यम से विधायक ने पूछा कि शिलान्यास के 12 साल बाद भी इन पार्कों का निर्माण क्यों नहीं हो पाया है और इसे कब तक पूरा किया जायेगा. उन्होंने कहा कि इन दोनों पार्कों के पूरा होने से सैकड़ों लोगों को तसर उत्पादन से संबंधित रोजगार मिल सकता है.
सरकार ने दिया जवाब
विधायक के सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि आमदा सिल्क पार्क, खरसावां और राजनगर सिल्क पार्क की चहारदीवारी का निर्माण कार्य किया गया था. इन दोनों सिल्क पार्कों का निर्माण भारत सरकार की एएसआइडीइ योजना के तहत 2014-15 में शुरू किया गया था. लेकिन भारत सरकार ने एएसआइडीइ योजना को डी-लिंक कर दिया, जिसके कारण इन परियोजनाओं को पूरा नहीं किया जा सका. एएसआइडीइ योजना के डी-लिंक होने के बाद उद्योग विभाग ने 2016 में इन योजनाओं को बंद करने और अधिगृहित भूमि का उपयोग अन्य कार्यों के लिए सुरक्षित रखने का निर्णय लिया.रांची में दो पार्क पूर्ण किये गये
सरकार ने लिखित उत्तर में कहा कि एएसआइडीइ योजना के अवशेष राशि और कार्यान्वयन एजेंसी के योगदान के साथ राज्य निधि से रांची में दो योजनाओं को पूरा किया गया है, जिनमें आइटी पार्क, रांची और सिल्क पार्क, इरबा शामिल हैं. ये दोनों योजनाएं वर्तमान में पूरी हो चुकी हैं.2011 में हुआ था खरसावां सिल्क पार्क का शिलान्यास
खरसावां के आमदा (मुरुमडीह) में 12 नवंबर 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने सिल्क पार्क का शिलान्यास किया था. इसके कुछ साल बाद राजनगर में तत्कालीन उद्योग मंत्री चंपाई सोरेन ने सिल्क पार्क का शिलान्यास किया. सिल्क उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यहां सिल्क पार्क बनाने की योजना थी. इसमें तसर कोसा से सूत कताई से लेकर कपड़े की बुनाई और डिज़ाइनिंग का काम किया जाना था. इस पार्क के निर्माण से क्षेत्र के सैकड़ों लोगों को स्वरोजगार मिलने की संभावना थी, लेकिन दोनों ही योजनाएं अधर में लटक गयी हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है