खरसावां.
कुचाई के अरुवां गांव में चड़क पूजा के अंतिम दिन सोमवार की सुबह भोक्ताओं ने निया माड़ा (आगुन माड़ा) नामक धार्मिक अनुष्ठान में हठभक्ति व आस्था की मिसाल पेश की. गांव के शिव मंदिर के सामने पारंपरिक घट-पाट निकालने के बाद करीब 100 भोक्ताओं ने आग पर चलकर हठभक्ति दिखायी. भगवान शिव से मांगी गयी मन्नत पूरी होने की खुशी में अंगारों में नंगे पांव चले. ढोल व नगाडे़ की थाप पर अंगारों में चलने वालों में बडी संख्या में महिला व बुजुर्ग भी शामिल थे. भक्त अपने शरीर को कष्ट देकर अपने आराध्य देव भगवान शिव से किया हुआ वायदा पूरा किया.वर्षों पुरानी से हठभक्ति की यह परंपरा:
चैत्र संक्रांति पर शिव मंदिर में सामने अंगारों पर चलने की यह परंपरा वर्षों पुरानी है. हर वर्ष हठ भोक्ता नियामाड़ा नामक इस धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करते हैं. भोक्ताओं की मानें तो मन व आत्मा की शांति के लिए शरीर को कष्ट देने में हठी भक्तों को सुकून मिलता है.अरुवां शिव मंदिर में पूजा को उमड़ी भीड़ :
अरुवां में चड़क पूजा के दौरान भगवान शिव की पूजा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा की. रविवार को पूरी रात जागरण करते हुए पूजा अर्चना की गयी. सोमवार को संक्रांति पर भगवान शिव का जलाषिक, दुग्धाभिषेक व रुद्राभिषेक किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है