38.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर निकलेगी छऊ नृत्य की झांकी, झारखंड की कला-संस्कृति की दिखेगी झलक

Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2025) परेड में झारखंड के सरायकेला के छऊ नृत्य की झांकी दिखेगी. झारखंडी की कला-संस्कृति के साथ देश के विकास में रतन टाटा के योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Republic Day 2025: खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश-गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2025) पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित होनेवाले मुख्य कार्यक्रम में झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के विश्व प्रसिद्ध छऊ नृत्य की झांकी दिखेगी. इस जिले के 21 कलाकार झांकी में छऊ नृत्य के जरिए झारखंड की जीवनशैली के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत करेंगे. झांकी के माध्यम से पद्म विभूषण सह उद्योगपति दिवंगत रतन टाटा के देश के विकास में योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा.

कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान पेश की जाएगी झांकी


छऊ नृत्य दल के लीडर सह राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के पूर्व निदेशक सह संगीत नाटक अकादमी अवॉर्डी छऊ गुरु तपन पटनायक ने बताया कि परेड के दौरान टीम झांकी पेश करेगी. झांकी में सरायकेला-खरसावां की उत्कृष्ट नृत्य शैली के साथ कला, संस्कृति व परंपरा से लेकर क्षेत्र के जल, जंगल, खनिज जैसे प्राकृतिक संसाधनों से अवगत कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि 21 कलाकारों का दल 17 जनवरी को ही दिल्ली पहुंच गया है. झांकी को लेकर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर कलाकारों ने रिहर्सल किया.

छऊ नृत्य टीम में ये हैं शामिल


गुरु तपन पटनायक, दिलदार अंसारी, कमल महतो, बसंत कुमार, सुदीप कुमार, सूरज हेंब्रम, भोलानाथ नंदा, राकेश गागराई, अनूप रविदास, अभिषेक सिंह मुंडा, गोमिया गागराई, अभिषेक सांडिल, सुरेश नाग, एंजेली केशरी, कल्पना रविदास, चांदनी हेंब्रम, भारती सांडिल, सुचित्रा सामंत, तनीषा सामंत, लिपिक बारा मुंडा, हीरामनी सोय आदि.

1992 में दिल्ली के राजपथ पर पेश किया गया था छऊ नृत्य


इससे पूर्व गणतंत्र दिवस पर 1992 में दिल्ली के राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर छऊ नृत्य की झांकी निकाली गयी थी. इसमें सरायकेला के कलाकारों ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ आर वेंकट रमण समेत हजारों अतिथियों के सामने छऊ नृत्य की झांकी पेश की थी. छऊ गुरु सुशांत महापात्र ने राष्ट्रीय पक्षी निर्मित मोर (मयूर) के छऊ नृत्य में इस्तेमाल होने वाले मास्क को प्रदर्शित किया था. तब झांकी में 19 छऊ मुखौटों को प्रदर्शित किया गया था. नदी से मिट्टी लाने से लेकर मुखौटा तैयार करने और पहनने की कला झांकी में प्रदर्शित की गयी थी. झांकी में शामिल 18 कलाकारों ने मयूर नृत्य को प्रदर्शित किया था. इसमें सरायकेला के राज पैलेस का बैकग्राउंड लगाया गया था.

ये भी पढ़ें: स्वतंत्रता सेनानी और भूदान आंदोलन में प्रणेता ‘गुमला गौरव’ राम प्रसाद की प्रतिमा तक न लगी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel