सरायकेला. मेहनत ही सफलता का मूलमंत्र है. गम्हरिया प्रखंड की बड़ाकांकड़ा पंचायत स्थित गुनाडीह गांव की महिला साई शोभना मशरूम की खेती से हर माह 30 हजार रुपये आय कर रही है. साई शोभना ने एक वर्ष गांव के स्वयं सहायता समूह से 1.05 लाख रुपये लोन लेकर मशरूम खेती शुरू की. वह लोन का 70 फीसदी राशि का भुगतान कर चुकी है.
साई शोभना ने बताया कि पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार संस्थान से मशरूम खेती का प्रशिक्षण लिया. इसके बाद बाजार में मशरूम की मांग को लेकर अपने सतर से सर्वे किया. पता चला कि मशरूम की काफी डिमांड है. पैसे के अभाव में खेती करना संभव नहीं था. गांव में संचालित महिला स्वयं सहायता समूह से 1.05 लाख का लोन लेकर खेती से जुड़ गयी. वर्तमान में सरायकेला व गम्हरिया के बाजार में बिक्री की जाती है. प्रतिदिन 8 से 10 किलो मशरूम का उत्पादन होता है.अप्रैल से सितंबर तक होता है उत्पादन:
महिला ने बताया कि मशरूम की खेती अप्रैल से सितंबर माह तक होती है. फिलहाल मशरूम उगने के 200 बेड लगाया गया है. बीज डालने के पश्चात उससे 13 दिनों तक छोड़ा जाता है. इसके पश्चात मशरूम निकलना शुरू होता है.
तीन गुना होती है कमाई:
महिला ने बताया कि मशरूम की खेती काफी लाभदायक है. इसमें तीन गुना कमाई होती है. बताया कि इसमें लागत काफी कम है. बाजार में यह 300 रुपये किलो बिकता है. इसकी डिमांड काफी है.छत्तीसगढ़ से आता है बीज :
महिला ने बताया कि मशरूम उत्पादन के लिए छत्तीसगढ़ से बीज मंगाया जाता है. कभी- कभार जमशेदपुर के मानगो से भी लिया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

