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छऊ हमारी सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहर है : द्रोपदी मुर्मू
शचिंद्र कुमार दाश/प्रताप मिश्रा खरसावां : राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि छऊ हमारी सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहर है. छऊ के कारण ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरायकेला-खरसावां जिला को पहचान मिली है. आने वाली पीढी को इस धरोहर से जोडने की आवश्यकता है. राज्य व केंद्र सरकार की ओर से भी इस धरोहर को संरक्षित […]
शचिंद्र कुमार दाश/प्रताप मिश्रा
खरसावां : राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि छऊ हमारी सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहर है. छऊ के कारण ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरायकेला-खरसावां जिला को पहचान मिली है. आने वाली पीढी को इस धरोहर से जोडने की आवश्यकता है. राज्य व केंद्र सरकार की ओर से भी इस धरोहर को संरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है. इस नृत्य कला का भविष्य काफी उज्वल है. श्रीमती मुर्मू सरायकेला के बिरसा स्टेडियम में चैत्र पर्व छऊ महोत्सव के उद्धाटन के पश्चात लोगों को संबोधित करते हुए कही. राज्यपाल ने कहा कि छऊ नृत्य हमारे पूर्वजों का उपहार है. झारखंड सांस्कृतिक रुप से काफी समृद्ध राज्य है. राज्यपाल ने दीप प्रज्वलित कर उद्धाटन किया. स्वागत भाषण डीसी रमेश घोलप ने दिया.
कला संस्कृति से ही हमें विश्व में अलग पहचान मिली
राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि कला संस्कृति के कारण ही हमें विश्व में अलग पहचान मिली. सरकार की ओर से कई जगहों पर अकादमी की स्थपना कर प्रशिक्षण के साथ साथ छात्रवृति दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहले इस कला में सिर्फ पुरुष ही नृत्य करते थे, परंतु अब इस मिथक को तोडते हुए महिलायें भी नृत्य कर रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षो में छऊ महोत्सव को ओर वृहद पैमाने पर आयोजित की जायेगी.
छऊ से राज्यपाल का रहा है पुराना लगाव
राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि छऊ नृत्य से उनका भी गहरा लगाव है. राज्यपाल ने कहा कि उनका परिवार भी छऊ नृत्य से जुडा हुआ है. उन्होंने कहा कि उनके पिता, भाई, दादा भी छऊ नृत्य करते थे. घर में आज भी छऊ के उपकरण है.
राज्यपाल ने ओडिया भाषा में किया संबोधन
राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने अपने संबोधन की शुरुआत स्थानीय ओडिया भाषा में किया. इसके पश्चात उन्होंने हिंदी में फिर ओडिया में भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरायकेला-खरसावां में कई भाषायें बोली जाती है, परंतु यहां की संस्कृति एक है.
सांस्कृतिक विविधताओं का प्रदेश है झारखंड : सरयु राय
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री सरयु राय ने कहा कि झारखंड सांस्कृतिक विविधताओं वाला प्रदेश है. राज्य सरकार की ओर से यहां की कला, संस्कृति का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति समृद्ध है और सरकार इसे संरक्षित कर रही है.
कला-संस्कृति को बचाने के लिये सरकार प्रयारत : साधु
ईचागढ विधायक साधु चरण महतो ने कहा कि झारखंड की पहचान यहां की संस्कृतिसे है. यहां अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषायें बोली जाती है तथा अलगअलग नृत्यों का आयोजन होता है. राज्य सरकार यहां की संस्कृति को संरक्षितकरने का कार्य कर रही है.
कार्यक्रम में ये थे उपस्थित
जिला परिषद अध्यक्ष शकुंतला माहली, उपाध्यक्ष अशोक साव, प्रधान जिला एवंसत्र न्यायाधीश मनोज श्रीवास्तव, उपायुक्त रमेश घोलप, डीडीसी आकांक्षारंजन, एसपी राकेश बंसल
तीन पद्मश्री कलाकारों को किया सम्मानित
राज्यपाल ने पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त तीन कलाकार पं श्यामाचरण पति, पं गोपाल दुबे, मुकुंद नायक को सम्मानित किया. इसके पश्चात तीरंदाज लुथरुहांसदा, आरती बोइपाई व रजनी पात्रा शोल ओढा कर सम्मानित किया. जिला के इन तीनों तीरंदाजों ने राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता में कई मेडल जीते है. राज्य स्तरीय सुब्रतो कप स्कूल फुटबॉल प्रतियोगिता में विजेता रहीकोलाबीरा (गम्हरिया) की टीम को भी सम्मानित किया गया.
राज्यपाल ने छऊ नृत्य का आनंद उठाया
राज्यपाल ने चैत्र पर्व छऊ महोत्सव के दौरान छऊ नृत्य का आनंद उठाया. भवेश छऊ नृत्य कला केंद्र, देहरीडीह (खरसावां) कलाकारों ने राज्यपाल के समक्ष खरसावां शैली में भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी, सरायकेला शैली में चंद्रभागा, मानभूम शैली में महिषासुर बध व मयुरभंज के कलाकारों ने मेघ वर्ण (मयुर) नृत्य पेश किया. माखन चोरी व मेघ वर्ण नृत्य को दर्शकों ने खूब सराहा.
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