दिल्ली सहित बड़े शहरों तक तक फैला है मानव तस्करी का नेटवर्क
इमरान, साहिबगंजनगर थाना क्षेत्र से मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार संजय सोरेन व उसकी पत्नी मेरी सोरेन से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पुलिस के अनुसार, यह दंपती लंबे समय से एक संगठित गिरोह के तहत साहिबगंज और पाकुड़ जिले की लड़कियों व महिलाओं को बहला-फुसलाकर दिल्ली समेत अन्य बड़े शहरों में काम दिलाने के बहाने भेजते रहे हैं. पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि अब तक 40 से अधिक लड़कियों को अलग-अलग शहरों में भेजा जा चुका है.
दिल्ली से जुड़ा नेटवर्क:
गिरफ्तार दंपती ने बताया कि उनका सीधा संपर्क दिल्ली में सक्रिय कुछ एजेंटों से है, जो इन लड़कियों को घरेलू कामकाज सहित अन्य क्षेत्रों में लगवाते थे. पुलिस को शक है कि इस नेटवर्क के पीछे एक बड़ा संगठित गिरोह काम कर रहा है, जिसकी जड़ें झारखंड के बाहर तक फैली हो सकती हैं.पुलिस जल्द करेगी गिरोह का पर्दाफाश:
स्थानीय लोगों का भी मानना है कि रोजगार की कमी और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की मजबूरी का फायदा उठाकर तस्कर अपने जाल में मासूमों को फंसा रहे हैं. पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित विशेष टीम पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है. नगर थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता ने बताया कि गिरफ्तार दंपती से मिले सुराग के आधार पर कई अन्य नाम भी सामने आये हैं. पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस नेटवर्क का पूरी तरह खुलासा कर गिरोह का पर्दाफाश किया जायेगा.साहिबगंज-पाकुड़ बन रहा मानव तस्करी का केंद्र:
जांच में यह तथ्य सामने आया है कि साहिबगंज और पाकुड़ जिले मानव तस्करी के हॉटस्पॉट बनते जा रहे हैं. गरीबी और बेरोजगारी इसके मुख्य कारण माने जा रहे हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार बरहरवा, बड़ी तीनपहाड़, साहिबगंज और मिर्जाचौकी जैसे रेलवे स्टेशन मानव तस्करी के लिए ट्रांजिट प्वाइंट बन गये हैं, जहां से मासूम लड़कियों और महिलाओं को बाहर ले जाया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

