तीनपहाड. ओ री गौरैया, घर-अंगना आ जा रे… की कामना करते हुए नमामि गंगे ने इटली से पधारे विदेशी पर्यटकों के साथ 20 मार्च विश्व गौरैया दिवस पर मॉडल कॉलेज राजमहल द्वार पर चूं-चूं करती दाना के लिए आने वाली गौरैया के संरक्षण हेतु जागरूकता कार्यक्रम को आयोजन किया. आधुनिकता की दौड़ मकान की बनावट पेड़-पौधे की कमी एवं मोबाइल टॉवरों के रेडिएशन से विलुप्त हो रही गौरैया के संरक्षण के लिए मॉडल कॉलेज राजमहल परिसर द्वार पर राजमहल साहिबगंज क्षेत्र में गौरैया पुनः पुनर्वास का प्रयास करना होगा. उक्त बातें भू वैज्ञानिक डॉ रणजीत कुमार सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहीं. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की अपील करते हुए घर आंगन से विलुप्त हो रही गौरैया की घर वापसी के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया. डॉ विवेक कुमार महतो ने कहा कि आधुनिकता की दौड़, पक्के घर और घरों की छत पर सुरक्षा के लिए लगाने वाले जाल, मोबाइल टॉवरों के रेडियशन, फलों एवं सब्जियों, अनाज में प्रयुक्त होने वाले कीटनाशक से पर्यावरण संतुलन में बड़ी भूमिका का निर्वहन करने वाली गौरैया को नुकसान पहुंच रहा है. आयोजन में प्रमुख रूप से डॉ अमित कुमार, डॉ अरविंद कुमार पांडे, कर्मी व दर्जनों छात्र छात्रा उपस्थित थे.
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