साहिबगंज. भारत को वर्ष 2030 तक बाल विवाह मुक्त बनाने के लक्ष्य के तहत केंद्र सरकार ने अपने दृढ़ संकल्प को दोहराते हुए बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के एक वर्ष पूरा होने पर 100 दिवसीय गहन जागरुकता अभियान की शुरुआत की है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा नई दिल्ली में शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य उन सामाजिक परिस्थितियों को खत्म करना है, जो बाल विवाह को बढ़ावा देती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में स्पष्ट किया कि निरंतर नीतिगत पहलों और जमीनी प्रयासों के परिणामस्वरूप देश तेजी से बाल विवाह समाप्ति की ओर बढ़ रहा है. जिले में मंथन संगठन लंबे समय से बाल विवाह उन्मूलन के लिए सक्रिय है. अभियान की सफलता सुनिश्चित करने हेतु मंथन ने जिले के सभी सरकारी विभागों और एजेंसियों के साथ समन्वय बढ़ाने का संकल्प दोहराया. मंथन के निदेशक बिप्लब महतो ने बताया कि जिला प्रशासन के निरंतर सहयोग से जिले में प्रभावी जागरुकता और रोकथाम के कदम उठाए जा रहे हैं. यह अभियान तीन चरणों में संचालित हो रहा है—पहला चरण शिक्षण संस्थानों में जागरूकता, दूसरा चरण धार्मिक स्थलों और विवाह सेवा प्रदाताओं पर फोकस तथा तीसरा चरण पंचायत और वार्ड स्तर पर समुदाय को सशक्त बनाने पर केंद्रित है. यह अभियान 8 मार्च 2026, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को समाप्त होगा और देश को बाल विवाह मुक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा.
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