7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एमसीएच में किया हंगामा

लापरवाही. प्रसव के दौरान बच्चे की मौत पर भड़के परिजन नर्स व आशा कार्यकर्ता पर पांच हजार रुपये राशि लेने का परिजनों ने आरोप लगाया है. बताया कि रक्तस्राव होने पर राशि लेकर सुरक्षित प्रसव करने की बात कही गयी थी. पर बच्चे की मौत हो गयी. उसके बाद भी नर्स व सहिया द्वारा राशि […]

लापरवाही. प्रसव के दौरान बच्चे की मौत पर भड़के परिजन

नर्स व आशा कार्यकर्ता पर पांच हजार रुपये राशि लेने का परिजनों ने आरोप लगाया है. बताया कि रक्तस्राव होने पर राशि लेकर सुरक्षित प्रसव करने की बात कही गयी थी. पर बच्चे की मौत हो गयी. उसके बाद भी नर्स व सहिया द्वारा राशि नहीं लौटायी गयी.

साहिबगंज : सरकारी अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराने का दावा खोखला साबित हो रहा है. रविवार को पांच माह के गर्भवती महिला के प्रसव के बाद बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. सदर प्रखंड के छोटी कोदरजन्ना निवासी मो इस्लाम की पत्नी रूबी खातुन को शनिवार को शाम एमसीएच भरती कराया गया था. प्रसूता के पति ने बताया कि एमसीएच के दीदी ने अल्ट्रासाउंड कराने की बात कही तो रिपोर्ट जमा की. तब एएनएम दीदी ने कहा कि रक्तस्रास ज्यादा हो रहा है.
बच्चा मात्र पांच माह का है. इसे दूसरे जगह लेकर जाना होगा. हमलोग यही पर इलाज करने की बात कही तो दीदी ने पांच हजार रूपये की डिमांड की. मजबूर होकर पांच हजार रुपये देनी पड़ी. 8:30 में प्रसव कराया गया लेकिन बच्चे की मौत हो चुकी थी. इसके बाद हमें कहा गया कि जितना जल्द हो सके अपनी मरीज को लेकर घर चले जाओ. मैं अपनी पत्नी को लेकर घर चला गया. लेकिन सरकारी अस्पताल में पैसा लेना कहां तक उचित है. इस मामले को लेकर मैं वरीय से मिलकार न्याय की गुहार लगाउंगा और दोषी दीदी पर कार्रवाई की मांग करूंगा. इधर एनएसयुआई नेता सद्दाम हुसैन ने डीसी को आवेदन देकर कार्रवाई करने की मांग की है.
रजिस्टर में अंकित नहीं था नाम
सरकारी प्रावधान के प्रसूता का नाम व पूरा पता रजिस्टर में दर्ज होता है. इसके बाद इलाज शुरू होता है. लेकिन रूबी खातुन का रजिस्टर में कही नाम अंकित नहीं है. यह जांच का विषय है. सवाल उठता है कि अगर प्रसूता के साथ किसी प्रकार की अनदोनी हो जाती तो इसका जिम्मेवार कौन होता. आखिर सरकारी अस्पताल में कर्मचारी के द्वारा इस प्रकार की लापरवाही क्यों बरती गयी. क्या एमसीएच कर्मचारी को विभाग का डर नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी इन सब मामले की निगरानी क्यों नहीं करते हैं.
किसकी थी ड्यूटी
एमसीएच में रूबी खातून के मामले के समय ए ग्रड नर्स रिपू व एएनएम आशा ड्यूटी पर थी. प्रसता रूबी के परिजन इन्हीं दोनों पर पांच हजार रुपये लेकर प्रसव कराने का आरोप लगाया है.
एमसीएच में हंगामा करते परिजन.
क्या कहती हैं नर्स
नर्स रिपू ने बतायी कि पैसा लेने का आरोप बेबुनियाद है. पैसा लेन-देन की बात सहिया कर रही थी. रही बात रजिस्टर में इंट्री नहीं किये जाने का तो सात माह तक के शिशु होने पर रजिस्टर में नाम अंकित किया जाता है. जबकि रूबी का पांच माह का बच्चा गर्भ में था. गलती इतनी हुई है. एमसीएच में प्रसव कराया गया.
क्या कहते हैं आरडीडी
आरडीडी दुमका सह प्रभारी सिविल सर्जन डॉ ए एक्का ने कहा कि मै अभी बाहर हूं. मामले की जानकारी हमें नहीं है. मामले की जानकारी प्रप्त कर संबंधित कर्मचारी पर जांच करवाकर कार्रवाई की जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें