साहिबगंज : आजादी की लड़ाई में देश के जिन वीर सपूतों ने अहम भूमिका निभायी है. सेनानी व उनकेआश्रितों को मिलने वाले पेंशन में पिछले पांच वर्षो में वृद्धि नहीं हुई है. जिस कारण महंगाई में उनका गुजारा कठिन हो गया है.
सेनानियों व उनके आश्रितों को पेंशन के नाम पर महज 5000 रुपये मिलते हैं. सरकारी दस्तावेजों के अनुसार 2000 में मिलने वाली राशि मात्रा 430 रुपये मासिक थी.
जो 2002 में बढ़कर 1050 रुपये कर दिया गया. इसके बाद वर्ष 2004 में राशि 3050 रुपया से बढ़कर 2008 में 5000 रुपये मासिक हो गया. विगत पांच वर्षो से सरकार ने पेंशन में इजाफा नहीं किया है. जेपी आंदोलन से जुड़े सीताराम ठाकुर, प्रदीप कुमार राय, मो हफीज, नरेंद्र नीर, आदि आंदोलनकारियों ने बताया कि उनके लिए रुपये से अधिक सम्मान मायने रखता है. उनके आश्रितों को पेंशन देकर सरकार खानापूर्ति कर रही है. लेकिन महंगाई के दौर में सरकार को पेंशन राशि में वृद्धि करनी चाहिए.