साहिबगंज : देश की आजादी के 66 साल बीतने के बाद देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व लूटा देने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को पेंशन के नाम पर महज पांच हजार रुपये दिया जा रहा है.
सरकारी दस्तावेज के अनुसार वर्ष 2000 में जिले के स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को महज 430 रुपये मासिक पेंशन के तौर पर दिये जाते थे. इसके बाद वर्ष 2002 में यह राशि बढ़ाकर 1050 रुपये की गयी. वर्ष 2004 में राशि 3050 रुपया, वर्ष 2008 में राशि बढ़ कर 5000 रुपये की गयी.
जेपी आंदोलन से जुड़े सीताराम ठाकुर, प्रदीप कुमार राय, मो हफीज, नरेंद्र नीर, सहित दर्जनों आंदोलनकारियों ने बताया कि रुपये पैसे मायने नही रखते सम्मान र्जुरी है. स्वतंत्रता सेनानि के बलिदान की कर्ज नहीं चुकाया जा सकता.