हाथियों से बचाव को लेकर डीएफओ को सौंपा ज्ञापन
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पहुंचे हंटर नवाब, शुरू हुई कवायद
हाथियों से बचाव को लेकर डीएफओ को सौंपा ज्ञापन साहिबगंज : क्षेत्र में झुंड से बिछड़े एक हाथी के द्वारा लगातार जान-माल का नुकसान हुआ है. इससे बचाव को लेकर बुधवार को सैनिक जन जागृति संस्थान के सचिव सह भूतपूर्व सैनिक अशोक कुमार यादव ने डीएफओ ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में हाथी के तांडव व उत्पात […]
साहिबगंज : क्षेत्र में झुंड से बिछड़े एक हाथी के द्वारा लगातार जान-माल का नुकसान हुआ है. इससे बचाव को लेकर बुधवार को सैनिक जन जागृति संस्थान के सचिव सह भूतपूर्व सैनिक अशोक कुमार यादव ने डीएफओ ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में हाथी के तांडव व उत्पात से निजात पाने के लिये संस्था के बैनर तले सामूहिक प्रयास से सुरक्षा को लेकर जन-जन को इस विषय पर जागृत करने की मांग करे ताकि क्षेत्र के लोगों को राहत मिले. मौके पर जिला भूतपूर्व सैनिक संक्ष के अध्यक्ष मंगल प्रसाद यादव मौजूद थे.
अब तक 11 लोगों को मार चुका है हाथी
साहिबगंज में उत्पात मचा रहे जंगली हाथी ने दरवास पहाड़ निवासी ओडेया जबरा पहाड़िया, खिजुरिया पहाड़ निवासी संझली बेसरा, मखमलपुर उत्तर निवासी अब्दुल रज्जाक, देव टिकरी पहाड़ निवासी जोपरी पहाड़िन, कतगु पहाड़िया, चिपरो पहाड़िया, लोहंडा पहाड़ निवासी पंचू पहाड़िया, बिजुलिया पहाड़ निवासी सूरजा पहाड़िया, गुटीबेड़ा निवासी मैसा पहाड़िया, फुलभंगा निवासी मैसा पहाड़िया, भीठा पहाड़ निवासी कयीया पहाड़िन को मौत के घाट उतार दिया. इसके अलावे कई लोगों को घायल भी कर चुका है.
खुले जगहों पर ले जाकर हाथी को बेहोश करने की रणनीति तैयार
कैप्चरिंग समिति के साथ हंटर नवाब की हुई बैठक में हंटर नवाब ने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि हाथी को खुले जगहों पर ले जाकर बेहोश किया जाये. ताकि उसे बेहोश करने व उठाने में किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े.
बिना नुकसान पहुंचाये हाथी को काबू
में करना टीम का पहला लक्ष्य
साहिबगंज डीएफओ मनीष तिवारी ने प्रभात खबर से विशेष वार्ता के क्रम में कहा कि साहिबगंज में उत्पात मचा रहे जंगली हाथी को बिना नुकसान पहुंचाये काबू में करना टीम का पहला लक्ष्य होगा. समिति ने फिलहाल हाथी को काबू में करने के लिए अभियान की शुरुआत बुधवार से शुरू कर दी है. हाथी को शूट करना अभियान का अंतिम विकल्प होगा.
पानी वाली जगहों पर पटाखा लेकर तैनात रहेंगे वन रक्षी
बैठक में हंटर नवाब ने कैप्चरिंग समिति के पदाधिकारियों से कहा कि हाथी को बेहोश की सूई देने के बाद हाथी अगर पानी वाले जगह में चला जायेगा तो पानी में पांच मिनट रहने पर हाथी की मौत हो जायेगी. इसलिए पानी वाले स्थानों पर पटाखा व मशाल के साथ वन रक्षी व हाथी भगाओ दस्ता की टीम को तैनात करना जरूरी है ताकि हाथी को पानी में जाने से रोका जा सके.
तीन महावत आये है उत्तर प्रदेश से : जंगली हाथी को काबू में करने के लिए तीन महावत उत्तर प्रदेश से साहिबगंज पहुंच चुके हैं. तीनों महावत बुधवार को स्वयं बैठ कर हाथी के पैर में बेड़ी लगाने के लिए लोहे का चैन बनवाया और बने चैन को अपने साथ लेकर टीम के साथ बोरियो प्रखंड के जंगलों की ओर रवाना हो गये.
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