जो धैर्य रखेगा वहीं मंजिल को पायेगा : राजन जी महाराज
मैथन पैलेस में श्री रामकथा महोत्सव में महाराज ने जीवन में धैर्य, संयम और ईश्वर पर अटूट विश्वास रखने की दी सीख
रांची. आपके चाहने से कोई वस्तु आपको नहीं मिल सकती है. इसके लिए प्रयास करना होगा. कभी ऐसा भी लगेगा कि अब हम यह नहीं कर सकते हैं. तब भी मजबूती के साथ खड़ा रहना होगा, तब जाकर मंजिल को प्राप्त कर सकते हो. उक्त बातें राजन जी महाराज ने गुरुवार को मैथन पैलेस में आयोजित श्री रामकथा महोत्सव में कही. महाराज जी ने कहा कि ईश्वर भी आपकी परीक्षा लेता है. वह देखता है कि आप कितने सहनशील हैं. इस अवसर पर श्री राम कथा आयोजन ट्रस्ट के संयोजक राजेश गुप्ता, कुमार प्रेमचंद, शिव अग्रवाल, पप्पू सिंह, अभिमन्यु प्रसाद, सूरज कुमार, आशुतोष द्विवेदी, संगीता प्रसाद, जितेंद्र भगतिया आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे.
जीवन को सुंदर और सार्थक बनाने की कला है भक्ति
महाराज श्री ने कहा कि भक्ति कोई पुरानी परंपरा नहीं, बल्कि जीवन को सुंदर और सार्थक बनाने की प्रेरणा है. युवा यदि जीवन में सफल होना चाहते हैं तो उन्हें अपने भीतर श्रद्धा और संयम रखना ही होगा. उन्होंने शिव-पार्वती विवाह प्रसंग से त्याग, तपस्या, धैर्य और सच्चे प्रेम की प्रेरणा दी. कहा कि देवी पार्वती ने दृढ़ संकल्प के साथ महादेव को पाया. जीवन में लक्ष्य वही पा सकता है, जो धैर्य रखे, आत्मविश्वास न खोए और कठिनाइयों से घबराए नहीं. रामजन्म प्रसंग का वर्णन करते हुए महाराज श्री ने कहा कि भगवान राम केवल अवतार नहीं, बल्कि आदर्श हैं. वे यह सिखाते हैं कि जीवन का उद्देश्य केवल सुख भोगना नहीं, बल्कि लोक कल्याण करना है. उन्होंने श्रोताओं से कहा कि ईश्वर पर निष्ठा इस बात से तय नहीं होती कि आपने कितनी पूजा की, बल्कि इस बात से होती है कि आप कठिन समय में कितने अडिग रहे. जब समस्याएं आपको तोड़ने की कोशिश करें और फिर भी आप अपने ईश्वर पर अटूट विश्वास रखें, वही सच्ची भक्ति है. जीवन आपको कुछ भी ऐसा देगा जो आपके लिए सर्वोत्तम होगा, लेकिन उसके पहले वह आपको सौ परीक्षाओं से गुजारेगा. जो धैर्य रखेगा, वही मंजिल पायेगा.
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