रांची. वित्त रहित इंटर कॉलेज, हाइस्कूल, संस्कृत स्कूल व मदरसा की अनुदान राशि में 75 प्रतिशत बढ़ोतरी व इनके कर्मियों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलन पर जाने का निर्णय लिया गया. राज्यभर के वित्त रहित शिक्षक व कर्मचारी पांच मार्च को विधानसभा के समक्ष महाधरना देंगे. 11 मार्च को पूरे राज्य में 1250 इंटरमीडिएट कॉलेज, हाइस्कूल, संस्कृत स्कूल व मदरसा में कार्यरत 10,000 शिक्षक-कर्मचारी शैक्षणिक हड़ताल पर रहेंगे. उस दिन सारे वित्तरहित संस्थाएं बंद रहेंगी. उक्त निर्णय शुक्रवार को राज्य भर से आये प्राचार्य, प्रधानाचार्य व शिक्षक प्रतिनिधियों की सर्वोदय बाल निकेतन उच्च विद्यालय धुर्वा में हुई बैठक में लिया गया.
विधायकों को ज्ञापन सौंपा जायेगा
बैठक की अध्यक्षता फजलुल कादिर अहमद ने की. मंच का संचालन अनिल तिवारी ने किया. इससे पहले वक्ताओं ने कहा कि जब तक अनुदान में 75 प्रतिशत राशि बढ़ोतरी की संचिका कैबिनेट द्वारा अनुमोदित नहीं होगी तथा राज्यकर्मी के दर्जे को लेकर कार्मिक विभाग में लंबित संचिका पर कार्रवाई नहीं होती है, तो मोर्चा सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगा. शिक्षा विभाग से 75 प्रतिशत राशि वृद्धि का संलेख अविलंब वित्त विभाग को भेजने की मांग की गयी. बैठक में यह भी तय किया गया कि विधानसभा सत्र में मोर्चा राज्य के सभी विधायकों को दो सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन साैंपेगा तथा मामले को सदन में प्रमुखता से उठाने का आग्रह करेगा.
जैक उपाध्यक्ष का पद खाली रहने से परेशानी
रघुनाथ सिंह ने कहा कि जैक बोर्ड में उपाध्यक्ष का पद खाली है. उपाध्यक्ष नहीं होने से कार्य करने में परेशानी हो रही है. मुख्यमंत्री से जल्द उपाध्यक्ष की नियुक्त करने की मांग की गयी. कुंदन कुमार सिंह, पशुपति महतो, रघु विश्वकर्मा, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, चंदेश्वर पाठक, बलदेव पांडेय, अरविंद सिंह , नरोत्तम सिंह, मनीष कुमार, देवनाथ सिंह, गणेश महतो, बसंत कुमार, मनोज कुमार, इंद्रदेव मेहता, विजय मिश्रा, विनय कुमार आदि ने अपने विचार रखे. इस अवसर पर राज्य के विभिन्न जिलों से लगभग 500 प्राचार्य, प्रधानाध्यापक व शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है