रांची. संत जेवियर्स कॉलेज परिसर रविवार को एक बार फिर पूर्व छात्रों की नोकझोंक, हंसी और पुरानी यादों से गूंज उठा. अवसर था कॉलेज के 1994-96 और 1996-99 बैच के आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स संकाय के पूर्ववर्ती विद्यार्थियों के सिल्वर जुबली री-यूनियन का. इस कार्यक्रम में देशभर से लगभग तीन सौ से अधिक पूर्व छात्र सपरिवार शामिल हुए.
कार्यक्रम की खास बात यह रही कि मदर्स डे पर केक काटा गया. री-यूनियन में उप प्राचार्य फादर अजय मिंज ने इसे अविस्मरणीय यादों को सहेजने का प्रयास बताया. वहीं, रेक्टर फादर सुधीर मिंज ने कहा कि संत जेवियर्स के पूर्व छात्र देशभर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जो कॉलेज के लिए गर्व की बात है.बेवजह भी जिंदगी में खुश रहना सीखना चाहिए
पूर्व प्राचार्य फादर निबोर लकड़ा ने जीवन में संघर्ष की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि बेवजह भी जिंदगी में खुश रहना सीखना चाहिए. अपने लिए और अपनों के लिए. इस अवसर पर फादर एफ्रेम बड़ा, फादर हिलोरियस पूर्ति, फादर समीर डुंगडुंग, फादर मारकस बारला, डॉ कमल बोस, डॉ जॉय चौधरी, डॉ हुसीर सेन, डॉ अजय श्रीवास्तव, डॉ जयंत चक्रवर्ती, अनसेलम कुजूर और ईश्वर नाथ मुंडा आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ-साथ पूर्व छात्रों ने अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए अनुभव साझा किये और एक बार फिर पुराने दिनों की यादों में डूब गये.पुराने मित्रों से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा
पूर्व छात्र अवनींद्र मिश्रा जिंदल कंपनी में कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि पुराने मित्रों से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है. पुराने लम्हें याद आ रहे हैं. हम यहां पर पढ़ाई के साथ-साथ जमकर मस्ती भी किया करते थे. जिस अनुशासन में हमने यहां से शिक्षा प्राप्त की, उसका लाभ आज भी मिल रहा है.अनुशासन आज भी काम आ रहा
पूर्व छात्र कर्नल पीयूष शर्मा ने बताया कि यहां इंटर और ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. हमारा कंप्यूटर साइंस का पहला बैच था. यहां पढ़ाई के साथ मस्ती भी करते थे. कॉलेज कैंपस का अनुशासन आज भी काम आ रहा है. आज पुराने दोस्तों से मिलकर काफी अच्छा लग रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है