रांची-सड़क हादसे में घायल लोगों की जान बचाने के लिए झारखंड के बोकारो जिले के रूपेश कुमार ने एक डिवाइस विकसित की है. उसका नाम ‘रक्षक’ है. इस मोबाइल ऐप की मदद से दुर्घटना होते ही घटनास्थल के एक किलोमीटर के दायरे में सभी अस्पतालों, परिजनों और पुलिस को कॉल और एसएमएस से लोकेशन के साथ सूचना मिल जाती है. इससे समय पर घायल व्यक्ति तक एंबुलेंस पहुंच जाती है. सड़क हादसे में अपने रिश्तेदार को खोने के बाद उन्होंने यह डिवाइस विकसित की.
पिता के मित्र की सड़क हादसे में चली गयी थी जान
रूपेश कुमार बताते हैं कि उनके पिता रविशंकर कुमार के पूर्व सैनिक मित्र की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी. इस हादसे ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्यों नहीं ऐसा उपकरण बनाया जाए जिससे सड़क हादसे में घायल लोगों की समय रहते जान बचायी जा सके. इस मामले में उन्होंने अपने शिक्षक मो ओबैदुल्लाह अंसारी से बात की और काम करना शुरू किया. रक्षक डिवाइस तैयार हो गयी.
कैसे काम करती है डिवाइस?
डिवाइस में एमसीयू (माइक्रो कंट्रोलर यूनिट), सेंसर, जीपीएस, सिम कार्ड, एक्सीलरेशन डिटेक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. ऐप में वाहन चालक का नाम, पता, ब्लड ग्रुप और परिजनों के मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड रहते हैं. रूपेश बताते हैं कि इसमें खास तरह का सेंसर होता है, जो कार की स्पीड और झटके के दबाव का पता लगाता है. अधिक रफ्तार होने पर यह डिवाइस ड्राइवर को अलर्ट भी करता है. एक्सीडेंट होने पर वाहन की गति और गाड़ी पर झटके से अचानक पड़ने वाले दबाव का पता लगाकर सेंसर एमसीयू को मैसेज भेजता है, जहां से संबंधित नंबरों पर फोन और एसएमएस चला जाता है.
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