रांची. (रिम्स में काम करने वाले लांड्री व सेंट्रल स्टेराइल सप्लाई डिपार्टमेंट (सीएसएसडी) विभाग के कर्मी बकाये वेतन के भुगतान की मांग को लेकर मंगलवार की सुबह से ही हड़ताल पर चले गये. इसके चलते रिम्स के विभिन्न विभागों में भर्ती मरीजों की सर्जरी टालनी पड़ी. क्योंकि, कई विभागों का ओटी सुबह के वक्त नहीं खुल सका. वहीं, ओटी में डाॅक्टरों के लिए न तो कोई स्टरलाइज सामान पहुंच सका और न ही साफ गाउन, कपड़ा व चादर उपलब्ध कराये जा सके. इस कारण कई गंभीर मरीजों की सर्जरी टालनी पड़ी. रिम्स में यह सेवा आउटसोर्स एजेंसी मेडिलैब द्वारा ली जाती है. एजेंसी द्वारा कोई सुविधा नहीं मिलने के कारण कर्मी नाराज थे. इन कर्मियों को पिछले छह माह से भुगतान नहीं किया गया है. लांड्री संचालकों का कहना था कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में डिटर्जेंट भी नहीं दिया जात है. इस कारण कपड़ों की सफाई सही से नहीं हो पाती है.
रिम्स निदेशक ने तत्काल बुलाई बैठक
इधर, रिम्स निदेशक प्रो डॉ राजकुमार की अध्यक्षता में लंबित बिलों के भुगतान को लेकर तत्काल बैठक बुलायी गयी. बैठक में अपर निदेशक सीमा सिंह, चिकित्सा अधीक्षक प्रो डॉ हीरेंद्र बिरुआ, उपाधीक्षक डॉ राजीव रंजन, वित्त उप निदेशक योगेंद्र प्रसाद और आंतरिक वित्तीय सलाहकार आलोक कुमार तपस्वी शामिल हुए. बताया गया कि कुछ बिलों को लेकर पूर्व में एजेंसी से स्पष्टीकरण मांगा गया था.
वार्ता के बाद दूसरे पहर काम पर लौटे कर्मचारी
इधर, लांड्री कर्मचारियों के साथ रिम्स प्रबंधन की वार्ता हुई. इस दौरान एजेंसी के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. उन्हें व्यवस्था दुरुस्त करने का आश्वासन दिया गया. लंबित वेतन का एक सप्ताह के अंदर भुगतान का लिखित आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारी दूसरे पहल में काम पर लौट गये. रिम्स निदेशक ने तीन दिनों में एजेंसी का लंबित भुगतान करने का आदेश दिया. साथ ही लापरवाही के मामले में रिपोर्ट मंगाते हुए जरूरत पड़ने पर अनिवार्य सेवाओं को बाधित करने को लेकर एफआइआर दर्ज करने का भी निर्देश दिया.
इन विभागों में टली
सर्जरीकार्डियोलॉजी विभाग में पहले से तय मरीजों की एंजियोग्राफी नहीं हो सकी. क्योंकि, ओटी में लांड्री कर्मियों ने किसी तरह की सफाई का काम नहीं किया. इस वजह से कई गंभीर मरीजों की सर्जरी टालनी पड़ी. गायनी विभाग में भर्ती कुछ महिलाओं की सर्जरी होनी थी. तीन मरीजों को ओटी ले जाया गया. लेकिन, डाॅक्टरों को न ही गाउन मिला और न ही कोई सर्जिकल टूल्स मिले. इसके बाद मरीजों को बिना सर्जरी के ही बाहर निकाल दिया गया. ऑर्थो विभाग में भर्ती मरीजों का भी यही हाल रहा. इस दौरान राहत की बात यह रही कि गायनी विभाग की ओर से इमरजेंसी सर्जरी चालू रही और लेबर रूम में किसी तरह से गर्भवती की जरूरी सर्जरी की गयी.
हड़ताल से मरीज परेशान
इधर, हड़ताल की वजह से मरीज परेशान रहे. क्योंकि, काफी लंबे इंतजार के बाद उन्हें सर्जरी के लिए समय मिला था, लेकिन सर्जरी नहीं हो पायी. सर्जरी विभाग में कई ऐसे मरीज थे, जिनकी सर्जरी बहुत जरूरी बतायी जा रही थी.
वर्जन
कुछ वजहों से रिम्स की ओर से भुगतान नहीं हो पाया है. जल्द भुगतान कर दिया जायेगा. हालांकि, शर्तों के हिसाब से एजेंसी को अपने कर्मचारियों को भुगतान करते रहना था.डाॅ राजीव रंजन, पीआरओ, रिम्सB
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

