रांची. राजधानी रांची के लिए आउटर रिंग रोड की योजना नहीं मिल सकी है. ऐसे में इस दिशा में आगे की कार्रवाई नहीं हो रही है. पांच चरणों में इसे बनाने का प्रस्ताव तैयार हुआ है. इसका एलाइनमेंट तय कर लिया गया है. गुरुग्राम की कंपनी के माध्यम से डीपीआर भी तैयार कराया गया है. इसके बाद इसका प्रस्ताव केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया है. वहां से स्वीकृति की आस में परियोजना पड़ी हुई है.
केंद्रीय मंत्री ने मार्च 2023 में की थी घोषणा
केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मार्च 2023 में रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में आउटर रिंग रोड बनवाने की घोषणा की थी. इसके लिए 5000 करोड़ रुपये देने की बात कही थी. इसके बाद राज्य के अफसरों से इसके लिए प्रस्ताव भेजने को कहा गया था.केंद्रीय सचिव ने भी दी थी सैद्धांतिक सहमति
इस परियोजना को लेकर एलाइनमेंट तय किया गया. वहीं, प्रस्ताव भी तैयार किया गया. पथ निर्माण विभाग के एनएच विंग ने इस प्रोजेक्ट पर करीब 6000 करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया है. बाद में केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के सचिव के साथ हुई बैठक में इस प्रस्ताव को रखा गया था. उन्होंने इस परियोजना को लेकर सैद्धांतिक सहमति दी थी.
आउटर रिंग रोड बनने से क्या होगा फायदा
आउटर रिंग रोड बनने से बड़ा लाभ मिलेगा. राजधानी रांची की ट्रैफिक समस्या तो दूर होगी ही, दूसरे निकटवर्ती जिलों रामगढ़, लातेहार, लोहरदगा, खूंटी, जमशेदपुर, सरायकेला सहित अन्य जिलों से आनेवाले वाहन राजधानी रांची में प्रवेश किये बिना ही दूसरे इलाकों की ओर निकल सकेंगे. भारी वाहनों की कनेक्टिविटी एक एनएच से दूसरे एनएच पर बाहर ही बाहर हो सकेगी.पांच चरणों में निर्माण का बना है प्रस्ताव
पहला चरण : एनएच 33 में ओरमांझी (पुंदाग ) टोल प्लाजा के आगे से एनएच-75 पर मांडर के आगे उकरीद तक.
दूसरा चरण : एनएच-75 के उकरीद से एनएच-23 के इटकी के पास तक.तीसरा चरण : एनएच-23 के इटकी के करीब से एनएच-75 एक्सटेंशन पर कालामाटी तक.
चौथा चरण : एनएच-75 एक्सटेंशन पर कालामाटी से एनएच-33 पर पांचा तक.पांचवा चरण : एनएच-33 पर पांचा से एनएच-33 पर ओरमांझी के पास तक.
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