रांची (वरीय संवाददाता). ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन (एआइसीएडब्ल्यूएफ) का तीन दिनी सम्मेलन रविवार को राजधानी में संपन्न हो गया. फेडरेशन के महासचिव डीडी रामानंदन बनाये गये हैं. जीके श्रीवास्तव अध्यक्ष होंगे. कार्यकारी अध्यक्ष आरपी सिंह को बनाया गया है. वीएम मनोहर संयुक्त महासचिव होंगे. 15 उपाध्यक्ष बनाये गये हैं. रविवार को समापन समारोह में सीटू के राष्ट्रीय महासचिव तपन सेन ने कोयला उद्योग में मजदूरों के समक्ष आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया.
उन्होंने कहा कि हमलोग उद्योग, देश और मजदूर बचाने के लिए संघर्ष करते हैं. पूंजीवादी ताकतें मजदूरों पर हमला कर रही है. यही स्थिति पूरी दुनिया की है. अब पूंजीवाद आक्रमक हो गया है. पूंजीवादी ताकतें देश की अर्थनीति पर कब्जा करना चाहती है. इसमें कोयला उद्योग भी शामिल है. कोयला खनन का एमडीओ मॉडल लाया गया है. एमडीओ लेने वाली कंपनी कोल इंडिया को अपनी कमाई का चार से 12 फीसदी तक हिस्सा देगी. खनन से पहले की पूरी व्यवस्था कोल इंडिया को देना है. इसमें स्थायी मजदूर नहीं लगाये जायेंगे. ठेका मजदूर रहेंगे. अगर यह मॉडल सफल हुआ तो धीरे-धीरे स्थायी मजदूरों को काम मिलना बंद हो जायेगा. मजदूरों को अपना अस्तित्व बचना होगा. इसके लिए संघर्ष करना होगा. हरेक एमडीओ खनन वाले इलाके में जबरदस्त विरोध करना होगा.20 मई का बंद हमें और प्रेरित करेगा
नव नियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष आरपी सिंह ने कहा कि 20 मई को आम हड़ताल है. इसको सफल बनाने का पूरा प्रयास करना है. यह आंदोलन हमे और आगे बढ़ने का ताकत देगा. स्थिति अच्छी नहीं है. केंद्र की नीतियों का विरोध जरूरी है. सम्मेलन में विधायक अरुप चटर्जी, रंजीत मुखर्जी, फागू बेसरा, मानस मुखर्जी, सुजीत भट्टाचार्या, दिलीप मंडल, बंसत कुमार, रोहित कुमार, विकास कुमार गुप्ता आदि ने हिस्सा लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है