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Special Story: नियम आ रहा आड‍़े इसलिए झारखंड के सरकारी स्कूलों में नहीं लग रहा तड़ित चालक

हाल के दिनों में जैनामोड़ और गढ़वा में स्कूलों पर वज्रपात की घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है. दूसरी ओर राज्य के विद्यालयों में तड़ित चालक लगाने में लोक निर्माण विभाग संहिता बाधक साबित हो रही है. इसे लेकर स्कूलों के लिए अलग से कोई नियम नहीं है.

सुनील कुमार झा

Prabhat Khabar Special: हाल के दिनों में जैनामोड़ और गढ़वा में स्कूलों पर वज्रपात की घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है. जैनामोड़ में दो स्कूलों पर हुए वज्रपात में 50 से ज्यादा बच्चे झुलस गये थे. वर्ष 2008-09 में रांची के नामकुम प्रखंड के रामपुर में एक विद्यालय में बिजली गिरने के कारण दो बच्चों की मौत हो गयी थी. दूसरी ओर राज्य के विद्यालयों में तड़ित चालक लगाने में लोक निर्माण विभाग संहिता बाधक साबित हो रही है. इसे लेकर स्कूलों के लिए अलग से कोई नियम नहीं है. ऐसे में शिक्षा विभाग भी तड़ित चालक लगाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है. नियमत: तीन मंजिल से ऊपर के भवन में ही तड़ित चालक लगाया जा सकता है, जबकि राज्य में तीन मंजिला स्कूल भवन नहीं के बराबर हैं.

तीन मंजिलवाले भवन तक में नहीं लगता है तड़ित चालक

स्कूलों में लोक निर्माण विभाग संहिता के अनुरूप तड़ित चालक लगाना है. नियम के अनुरूप राज्य में दो और दो से अधिक मंजिलवाले भवनों में तड़ित चालक नहीं लगाया जायेगा. इसमें अपवाद तभी होगा, जबकि अधीक्षण अभियंता लिखित रूप से कारणों का उल्लेख करते हुए यह राय दें कि विशेष परिस्थिति में तड़ित चालक लगाना उचित है. ऐसे में तीन मंजिल से ऊपर के भवन में तड़ित चालक लगाया जा सकता है. वहीं, वर्ष 2015-16 में जब स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने स्कूलों में तड़ित चालक की आवश्यकता को लेकर सभी जिलों को पत्र भेजा था, तो उसमें संबंधित प्रावधान का उल्लेख किया गया था. उसके अनुरूप ही तड़ित चालक लगाने को कहा गया था.

बना था प्रस्ताव

राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में तड़ित चालक लगाने का प्रस्ताव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने बनाया था. तड़ित चालक लगाने पर 2600 करोड़ रुपये खर्च होना था. आपदा प्रबंधन विभाग को भी इसकी जानकारी दी गयी थी. स्कूलों में तड़ित चालक लगाने को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में पीआइएल दायर की गयी थी. कोर्ट को प्रावधान की पूरी जानकारी दी गयी थी. प्रावधान के अनुरूप तड़ित चालक लगाने आदेश दिया गया था.

दो बच्चों की मौत के बाद लगा था तड़ित चालक

वर्ष 2008-09 में नामकुम के रामपुर स्कूल में ठनका से दो बच्चों की मौत हो गयी थी. इसके बाद विद्यालयों में तड़ित चालक लगाने की बात कही गयी थी. उच्च विद्यालय व प्लस टू स्कूलों में विद्यालय विकास अनुदान से तड़ित चालक लगाया भी गया था. स्कूलों में तड़ित चालक लगाने का मामला नियम के पेच में उलझ कर रह गया.

एजी ने भी की थी आपत्ति

महालेखाकर ने भी आपत्ति जतायी थी कि स्कूलों में प्रावधान की अनदेखी कर तड़ित चालक लगाया गया है. इसके बाद विभाग ने जिलों को पत्र भेजा था.

डीइओ पर हुई थी कार्रवाई

स्कूलों में तड़ित चालक लगाने के मामले में लोहरदगा के एक डीइओ पर कार्रवाई भी हुई थी. विभागीय जांच के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था.

जहां लगा, वहां हुई चोरी

वर्ष 2008-09 के बाद जिन स्कूलों में तड़ित चालक लगा था, उनमें से भी अधिकतर स्कूलों में इसकी चोरी हो गयी. राज्य में वर्तमान में 90% से अधिक स्कूलों में तड़ित चालक नहीं हैं. राज्य में 35442 सरकारी विद्यालय हैं.

वज्रपात से किस जिले में कितनी मौत

वर्ष 2021

जिला मौत

गुमला 89

पलामू 85

बोकारो 56

गढ़वा 50

चतरा 50

लोहरदगा 46

लातेहार 45

रामगढ़ 41

जिला मौत

गिरिडीह 40

देवघर 37

रांची 32

पूर्वी सिंहभूम 31

हजारीबाग 29

प सिंहभूम 28

जामताड़ा 28

दुमका 27

जिला मौत

गोड्डा 26

खूंटी 20

धनबाद 19

सरायकेला 17

साहिबगंज 14

कोडरमा 13

(नोट : रिपोर्ट आइएमडी की )

क्या कहते हैं शिक्षामंत्री

स्कूलों में तड़ित चालक लगाने पर विचार हो रहा है. इसके लिए पूर्व में तैयार प्रस्ताव को देखा गया है. नियम के अनुरूप तड़ित चालक किस भवन में लगाया जा सकता है, इस पर भी विचार किया गया है. इस पर जल्द निर्णय लिया जायेगा.

जगरनाथ महतो, शिक्षा मंत्री

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