Paush Sankashti Chaturthi Aarti: 7 दिसंबर 2025 को पौष संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी. माना जाता है कि जो भी भक्त इस दिन भगवान गणेश की सच्चे मन से आराधना करता है, उसके जीवन से सारे दुख-दर्द दूर होने लगते हैं और रुके हुए काम बनने लगते हैं. यदि आप भी इस पौष संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की घर पर पूजा करने वाले हैं, तो यह खबर आपके लिए है. इस दिन पूजा के बाद भगवान गणेश को समर्पित आरती का पाठ जरूर किया जाना चाहिए. यहां हमने भगवान गणेश को समर्पित आरती के लिरिक्स प्रस्तुत किए हैं.
भगवान गणेश की आरती (Bhagwan Ganesh Aarti)
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
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