रांची. राज्य के लोगों को अब बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए निजी अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़ेगा. राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में ही उन्हें मामूली खर्च पर निजी अस्पतालों जैसी उच्च दर्जे की सुविधाएं मिलेंगी. रिम्स शासी परिषद ने इससे जुड़े कई प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगा दी है. इसमें अत्याधुनिक उपचार से लेकर उच्चस्तरीय जांच और मुफ्त दवा शामिल है. प्रशासनिक भवन में मंगलवार को हुई रिम्स जीबी की 59वीं बैठक में तीन दर्जन एजेंडों में से 34 पर शासी परिषद ने अपनी मुहर लगायी. वहीं, डॉक्टरों की प्रोन्नति पर सदस्यों के बीच आम राय नहीं बन सकी. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कमेटी बनाकर निर्णय लेने की बात कही.
बोले स्वास्थ्य मंत्री
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि रिम्स में मरीजों को अत्याधुनिक उपचार की सुविधाएं देना लक्ष्य है. इसे हर हाल में पूरा करेंगे. बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की इलाज के दौरान मृत्यु होने पर उन्हें सम्मानजनक विदाई देने का निर्णय लिया. इसके लिए रिम्स में पांच नये मोक्ष वाहनों की खरीद प्रक्रिया को मंजूरी दी गयी. साथ ही देहांत होने पर परिजनों को 5000 रुपये के अंत्येष्टि किट दिये जायेंगे. प्रमुख एजेंडों में केंद्र और राज्य प्रायोजित स्वास्थ्य योजनाओं को समुचित तरीके से लागू करने के साथ ही अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद की जायेगी. इनडोर के मरीजों को सभी दवा मुफ्त मिलेगी. कोई दवा बाहर से खरीदने की जरूरत नहीं होगी. वहीं, टॉप 20% पीजी स्टूडेंट तीन साल के लिए बांड पीरियड के तहत मेडिकल कॉलेजों में अपना योगदान दे सकेंगे. मौके पर स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह, रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार, कांके विधायक सुरेश बैठा आदि मौजूद थे.
निदेशक के तर्कों से असहमत दिखे स्वास्थ्य मंत्री
रिम्स के वित्त निदेशक को एक्सटेंशन देने के मामले पर बैठक में नाराजगी जतायी गयी. कुछ सदस्यों ने इस पर आपत्ति दर्ज करायी. स्वास्थ्य मंत्री रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार के तर्कों से असहमत दिखे. थोड़ी देर के लिए माहौल असहज हो गया और एजेंडों पर चर्चा रोक दी गयी. निदेशक ने कई बार स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और स्वास्थ्य मंत्री के सामने अपना पक्ष रखना चाहा, लेकिन मंत्री ने कार्यप्रणालियों को लेकर अपनी असहमति जतायी.
नर्सिंग कर्मियों के वेतन में 15 हजार का इजाफा
बैठक में रिम्स से नर्सिंग की पढ़ाई कर पास आउट होने वाली कार्यरत नर्सों का वेतनमान 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने पर सहमति बनी. कोरोना काल में नर्सों ने बेहतर काम किया था. पूर्व में 55 नर्सों को नियुक्त किया गया था. वर्तमान में इनकी संख्या 25 है.
होमगार्ड के जवानों में 50% की कमी की जायेगी
रिम्स में तैनात होमगार्ड के जवानों का भत्ता 500 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 1,088 रुपये कर दिया गया है. इसे देखते हुए अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में तैनात होमगार्ड के जवानों में 50% की कमी की जायेगी. इस कमी को आउटसोर्सिंग पर सुरक्षा एजेंसी से सुरक्षाकर्मी को बहाल कर दूर किया जायेगा. रिम्स प्रबंधन दोनों विंग में 33% महिला सुरक्षाकर्मी रहेगी.
मेडॉल और हेल्थ मैप के साथ करार और भुगतान की होगी समीक्षा
रिम्स में संचालित हेल्थ मैप और मेडॉल के लंबित विपत्रों के भुगतान पर निर्णय लिया गया. वहीं, दोनों एजेंसियों और राज्य सरकार के साथ हुए करार और भुगतान की समीक्षा भी की जायेगी. एकरारनामा की शर्त का आकलन करने के साथ एक महीने में भुगतान किया जायेगा. जांच के लिए एमआरआइ की दूसरी मशीन और लीनियर एक्सीलेटर मशीन की खरीदारी पर भी निर्णय लिया गया.
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