24.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लोकसभा चुनाव 2024: रांची में रस्साकशी जारी, I.N.D.I.A. में कांग्रेस की दावेदारी, एनडीए में गणित साफ

लोकसभा चुनाव 2024 की झारखंड में तैयारियां तेज हो गईं हैं. निर्वाचन आयोग की टीम ने झारखंड में चुनौव की तैयारियों का जायजा लिया. इस बीच, रांची लोकसभा सीट पर चुनाव में मुकाबला दिलचस्प होने के आसार हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 की झारखंड में तैयारियां तेज हो गईं हैं. निर्वाचन आयोग की टीम ने झारखंड में चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया. इस बीच, रांची लोकसभा सीट पर चुनाव में मुकाबला दिलचस्प होने के आसार हैं. इस सीट पर पिछले कई चुनावों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला होता रहा है. इस सीट पर अब तक कोई दल तीसरा कोण नहीं बना पाया है. इसलिए लगातार रस्साकशी का दौर चालू है.

रणनीति बनाने में जुटी सभी पार्टियां

रांची लोकसभा सीट पर हर पार्टी की अपनी-अपनी दावेदारी है. जैसे-जैसे समय बीत रहा है, हर दल की स्थिति स्पष्ट होती जा रही है. सब नयी रणनीति बनाने में जुट गये हैं. एनडीए में गणित साफ है. यहां हमेशा से भाजपा की दावेदारी रही है. भाजपा ने इस सीट पर अपनी मजबूत पकड़ बनायी है. रामटहल चौधरी से लेकर संजय सेठ तक ने कांग्रेस को शिकस्त दी है.

तीन बार जीते कांग्रेस के सुबोधकांत सहाय

कांग्रेस के सुबोधकांत सहाय ने भी इस सीट पर लोकसभा चुनाव में तीन बार जीत दर्ज की है. वह भाजपा को टक्कर देते रहे हैं. कांग्रेस की अगुवाई में बने गठबंधन I.N.D.I.A. में फिलहाल रांची लोकसभा सीट पर दावेदारी कांग्रेस की है. पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा था. झामुमो भी रांची लोकसभा सीट पर लगातार पैठ बनाने का प्रयास कर रहा है.

Also Read : PHOTOS: हजारीबाग लोकसभा सीट पर 1952 से अब तक कौन-कौन बने सांसद, पूरा विवरण यहां देखें

लोकसभा क्षेत्र की 7 विधानसभा में 4 पर एनडीए का कब्जा

रांची लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें हैं. तमाड़ विधानसभा सीट पर झामुमो का कब्जा है. विकास सिंह मुंडा वहां के विधायक हैं. ईचागढ़ सीट पर भी झामुमो की सविता महतो विधायक हैं. वहीं, कांग्रेस के पास मात्र एक खिजरी सीट है. भाजपा के पास तीन और आजसू के पास एक सीट है.

5800 वोट से हार गईं थीं महुआ माजी रांची विधानसभा चुनाव

रांची विधानसभा चुनाव (2019) में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) दूसरे स्थान पर था. झामुमो की महुआ माजी मात्र 5,800 वोटों से हारीं थीं. झामुमो का एक खेमा इस सीट पर दावेदारी की बात करता है. आनेवाले समय में कई नये समीकरण दिख सकते हैं. वैसे भी वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के हिसाब से फिलहाल कोई भी दल विशेष दावा नहीं कर सकता है.

Ranchi Lok Sabha Election
लोकसभा चुनाव 2024: रांची में रस्साकशी जारी, i. N. D. I. A. में कांग्रेस की दावेदारी, एनडीए में गणित साफ 2
बदलते रहे जनप्रतिनिधि, अब तक नहीं सुधरी एचइसी की स्थिति

आजादी के बाद औद्योगिकीकरण का दौर जब शुरू हुआ, तो रांची लोकसभा क्षेत्र में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज हेवी इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (एचइसी) की स्थापना हुई थी. एचइसी के आसपास एक अलग टाउनशिप बनी. रूसी तकनीक पर आधारित कई मशीनें लगायी गयी. रांची की पहचान इस इंडस्ट्री से होने लगी. उस समय एचइसी में नौकरी करना गर्व की बात थी. देश की नामी-गिरामी कंपनियों के उपकरण यहां बनते थे. आज मात्र 75 साल में ही इस औद्योगिक संस्थान की पहचान धूमिल होने लगी है. आज संस्थान बंदी के कगार पर है.

Also Read : लोकसभा चुनाव: मोदी लहर में भी झामुमो ने जीती राजमहल सीट, विजय हांसदा ने लहराया परचम

कर्मचारियों-अधिकारियों को समय पर नहीं मिल रहा वेतन

रांची लोकसभा क्षेत्र में स्थित इस विशाल कंपनी की आज स्थिति यह है कि कर्मी और अधिकारियों को समय पर वेतन तक नहीं मिल रहा है. यहां के जनप्रतिनिधियों ने इसके लिए जो प्रयास किये, वह सफल नहीं हो पाये हैं. प्रारंभिक दौर में एचइसी उपकरणों का निर्माण तो करता था लेकिन उसकी कीमत केंद्र सरकार तय करती थी. एचइसी को कभी भी लागत के अनुरूप दाम नहीं मिला.

राजनीतिक लोगों को भी सरकार ने सीएमडी जैसे पदों पर बिठाया. इसमें केडी मालवीय का नाम लिया जा सकता है. एचइसी में आवश्यकता के मुताबिक कर्मचारियों की बहाली नहीं की गयी. एक समय यहां 22 हजार से अधिक लोग काम करते थे. आज यहां कोई नौकरी नहीं करना चाहता. जो लोग काम कर रहे हैं, उन्हें वेतन नहीं मिल रहा.

60 वर्षों में रेलवे में जो नहीं हो सका, उसे पूरा किया

संजय सेठ पिछली बार लोकसभा का चुनाव पहली बार लड़े. बड़े मतों के अंतर से कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को हराया. लोकसभा में अपने अनुभव और विकास का लेखा-जोखा सांसद ने प्रभात खबर के साथ बातचीत में रखा. उन्होंने कहा कि पिछले लगभग पांच वर्षों का अनुभव बहुत ही शानदार और सकारात्मक रहा. मैं जनता की आवाज को लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर तक पहुंचाने में सफल रहा. देश के महत्वपूर्ण मुद्दों और नीतियों-नियम पर बहस का अवसर मिला. मेरा सौभाग्य था कि नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्तित्व के नेतृत्व में काम करने का मौका मिला.

जनता के भरोसे पर खरा उतरने का पूरा प्रयास किया

अपनी उपलब्धि के बारे में कहा कि मैंने जनता के विश्वास और भरोसा पर खरा उतरने का पूरा प्रयास किया. मैं रांची संसदीय क्षेत्र की समस्याओं से वाकिफ था. मैंने यहां के लोगों की पीड़ा को पहले ही महसूस किया था. रातू रोड का सबसे खराब हाल था. 2019 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और रातू रोड के लिए एलिवेटेड फ्लाइओवर की मांग की. उन्होंने इस पर मंजूरी दी और राजधानी में फ्लाइओवर का जाल बिछना शुरू हुआ.

Also Read : चतरा : लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही उठने लगा स्थानीयता का मुद्दा, कई दौड़ में शामिल

60 वर्षों में जो काम नहीं हुआ, मैंने पांच साल में करवाए : लोकसभा सांसद संजय सेठ

संजय सेठ ने कहा कि कूड़े का निस्तारण एक बड़ी समस्या थी. झिरी के लोग परेशान थे. गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे थे. मैंने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की. उनसे मिला तो 300 मिट्रिक टन सॉलिड वेस्ट प्लांट की मंजूरी तुरंत मिली. रेलवे ने रांची संसदीय क्षेत्र के लिए 2,000 करोड़ की योजना दी. 60 वर्षों में जो काम नहीं हुआ, उसे मैंने लगभग पांच वर्षों में पूरा किया.

सांसद संजय सेठ कहते हैं कि रांची रेलवे स्टेशन के लिए 200 करोड़, हटिया रेलवे स्टेशन के लिए 300 करोड़, पिस्का स्टेशन के लिए 97 करोड़ और मेसरा स्टेशन के लिए 85 करोड़ रुपये मिले. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अहम कार्य किये. ग्रामीण विकास की योजनाओं में केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिला.

सांसद संजय सेठ एचइसी को बचाने में विफल रहे : सुबोधकांत सहाय

पिछले चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को सांसद संजय सेठ ने शिकस्त दी थी. श्री सहाय ने लोकसभा क्षेत्र की समस्या और वर्तमान सांसद के प्रदर्शन पर अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा : मैं विरोधी दल का नेता होने के नाते नहीं बाेल रहा. मैं जनता की भावना के अनुरूप बात कर रहा हूं. संजय सेठ रांची के सांसद हैं, लेकिन एचइसी को लेकर इनकी भूमिका दुर्भाग्यपूर्ण रही. एचइसी घुट-घुट कर मर रहा है. 22 महीने से अफसर और कर्मियों को वेतन नहीं मिला है.

रांची से लोकसभा चुनाव जीतने वाले नहीं दिला पाए एचइसी को मदद

लोकसभा क्षेत्र का तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके सुबोधकांत सहाय ने कहा कि एचइसी के पास कार्यादेश है, लेकिन केंद्र सरकार से रांची लोकसभा के सांसद संजय सेठ मदद नहीं दिला पा रहे हैं. मैंने इंदिरा गांधी से आग्रह करके एचइसी को रिवाइवल पैकेज दिलाया था. सोनिया गांधी से भी एचइसी के लिए मदद मांगी थी और मिला.

सुबोधकांत सहाय ने कहा कि रांची से लोकसभा चुनाव जीतने वाले सांसद के लिए एचइसी बड़ा मुद्दा है, लेकिन संजय सेठ इसमें विफल रहे. श्री सहाय ने कहा कि मैं रांची लोकसभा का सांसद रहूं या नहीं रहूं, मेरे घर के दरवाजे 24 घंटे लोगों के लिए खुले रहते हैं. मेरी प्राथमिकता में जनता के मुद्दे हैं. उनकी समस्या है. हम भावनाओं की राजनीति नहीं करते. एचइसी देश की प्रतिष्ठा का सवाल है.

Also Read : कांग्रेस नेता के घर जन्मे विजय हांसदा राजमहल से झामुमो के सांसद बने, क्षेत्र के विकास पर खर्च किए इतने पैसे

भाजपा ने एचइसी को बर्बाद कर दिया : सुबोध कांत सहाय

उन्होंने कहा कि एचइसी को भाजपा ने बर्बाद कर दिया. हजारों लोगों की नौकरी व इस क्षेत्र में लाखों लोगों के व्यवसाय चौपट हो गये. इसकी चिंता करने की जरूरत है. सांसद होता, तो आज एचइसी को बचाने के लिए हर कोशिश करता. लोकसभा चुनाव में हार के बाबत वह कहते हैं.

उन्होंने कहा कि भाजपा ने बड़ी चालाकी से राजनीति में जनता की समस्या, उनके सवालों और मुद्दों को दरकिनार कर दिया है. आम लोगों की परेशानी से इनको लेना-देना नहीं है. भावना और धर्म के नाम पर राजनीति का सिक्का ज्यादा दिन नहीं चलता है. छल-कपट से कोई बार-बार चुनाव नहीं जीतता. मैं रांची की जनता के बीच हूं और रहूंगा.

2014-15 से घाटा होने लगा एचइसी को

एचइसी वर्ष 2006-07 से 2013-14 तक एचइसी लाभ में रहा. 2006-07 में 2.86 करोड़, 2007-08 में 4.17 करोड़, 2008-09 में 18.37 करोड़, 2009-10 में 44.27 करोड़, 2010-11 में 38.14 करोड़, 2011-12 में 8.58 करोड़, 2012-13 में 20.38 करोड़, 2013-14 में 299.31 करोड़ लाभ हुआ. वर्ष 2014-15 से कंपनी घाटे में रहने लगी.

2014-15 में 241.68 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. 2015-16 में 144.77 करोड़, 2016-17 में 82.27 करोड़, 2017-18 में 446 करोड़ का लाभ (जमीन बेचकर मिली राशि), 2018-19 में 93 करोड़ का घाटा, 2019-20 में 405.37 करोड़, 2020-21 में 175.78 करोड़, 2021-22 में 256.07 करोड़ व 2022-23 में 230.85 करोड़ का घाटा कंपनी को हुआ है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें