SIR in Jharkhand: बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी चुनाव आयोग वोटरों का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआइआर) करने जा रहा है. यह जानकारी गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने देवघर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी. उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम राजीव से गांधी ने ही वोट देने की उम्र सीमा को 18 वर्ष करने के साथ-साथ एक वोटर का नाम सिर्फ एक जगह पर रखने की घोषणा की थी. उसके बाद संसद में इसकी मंजूरी ने मिली. वर्तमान में बिहार में चुनाव आयोग भी यही कर रहा है. एक व्यक्ति का तीन चार जगह नाम है, तो आप उसी जगह वोट देंगे, जहां आप रह रहे हैं.
झारखंड में बांग्लादेशियों से छिनेगा वोट डालने का अधिकार
सांसद ने कहा कि एसआइआर होने से झारखंड में बांग्लादेशियों को वोट डालने का अधिकार नहीं मिलेगा. सांसद ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग का गलत इस्तेमाल हमेशा कांग्रेस ने किया है. सांसद डॉ दुबे ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सवाल खड़ा करने वाली कांग्रेस सहित विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा पर घटिया राजनीति कर रहे हैं. वहीं, राहुल गांधी चुनाव आयोग पर सवाल उठाकर खुद घिर गये हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
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क्या है एसआइआर?
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआइआर) के तहत मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है. गलत या दोहरे नाम हटाए जाते हैं. साथ ही मृत मतदाताओं के नाम भी सूची से हटाए जाते हैं. यह आमतौर पर विधानसभा या लोकसभा चुनावों से पहले किया जाता है. एसआइआर का मुख्य उद्देश्य फर्जी वोटिंग को रोकना है.
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