JMM Mahadhiveshan Ranchi| रांची में आयोजित 13वें महाधिवेशन में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) बड़ा फैसला लेने जा रहा है. संगठन में परिवर्तन के साथ ही झामुमो अपने संविधान में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. संविधान संशोधन कर पार्टी में कार्यकारी अध्यक्ष का पद समाप्त कर दिया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभाल रहे थे. पार्टी ने संविधान संशोधन कर संस्थापक संरक्षक का नया पद बनाया है. पार्टी के अध्यक्ष शिबू सोरेन अब संस्थापक संरक्षक होंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष होंगे. अब पार्टी की कमान पूरी तरह सीएम हेमंत सोरेन के हाथ में होगी. महाधिवेशन के दूसरे दिन 15 अप्रैल को इस संशोधन पर मुहर लग जायेगी.
विनोद पांडेय ने पेश किया संविधान संशोधन का प्रस्ताव
पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय ने महाधिवेशन के पहले दिन संविधान संशोधन का प्रस्ताव पेश किया. झामुमो के अध्यक्ष रहे निर्मल महतो की हत्या के बाद पार्टी के संस्थापक शिबू सोरेन ने 1987 में पार्टी की कमान संभाली थी. इससे पहले शिबू सोरेन ने यह जिम्मेवारी शहीद निर्मल महतो को दी थी और खुद महासचिव का पद संभाल रहे थे.
1972 में विनोद बिहारी महतो बने थे पार्टी के पहले अध्यक्ष
वर्ष 1972 में झामुमो के गठन के बाद विनोद बिहारी महतो पार्टी के पहले अध्यक्ष बने थे. वर्ष 1973 से 1984 तक विनोद बिहारी महतो ही अध्यक्ष रहे थे. बाद में 1984 में राजनीतिक परिस्थितियां बदलीं, तो शिबू सोरेन ने निर्मल महतो को अध्यक्ष बनाया. शिबू सोरेन लगभग 38 वर्षों तक पार्टी के अध्यक्ष रहे. पार्टी के संविधान संशोधन के बाद लंबे अंतराल के बाद संगठन में बड़ा बदलाव होगा. 4 दशक बाद शिबू सोरेन की भूमिका बदलने जा रही है.
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वर्ष 2015 में कार्यकारी अध्यक्ष बने थे हेमंत सोरेन
वर्ष 2015 के जमशेदपुर महाधिवेशन में हेमंत सोरेन को कार्यकारी अध्यक्ष की जवाबदेही मिली थी. इनके नेतृत्व में पार्टी ने 2-2 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की. हेमंत सोरेन ने लगभग 10 वर्षों तक कार्यकारी अध्यक्ष की जवाबदेही निभायी.
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ह्वील चेयर पर शिबू-रूपी को लेकर मंच पर पहुंचे हेमंत
झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन और उनकी पत्नी रूपी सोरेन ह्वील चेयर पर झामुमो के महाधिवेशन में पहुंचे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पिता का ह्वील चेयर स्वयं धकेलकर मुख्य मंच पर ले गये. उनकी माता के ह्वील चेयर के साथ मुख्यमंत्री की पत्नी विधायक कल्पना सोरेन चल रहीं थीं. कार्यकर्ताओं ने खड़े हो तालियां बजाकर सभी का स्वागत किया. सोरेन परिवार ने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन स्वीकार किया.
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