24.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

FFP बिल्डिंग की पूरी संपत्ति अटैच करने के आदेश पर झारखंड हाईकोर्ट ने लगायी रोक

राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि कॉमर्शियल कोर्ट के अंतरिम अवार्ड के खिलाफ अपील व स्टे पिटीशन लंबित है.

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के परिवहन विभाग की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एफएफपी बिल्डिंग स्थित विभाग की पूरी संपत्ति को अटैच करने संबंधी कॉमर्शियल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने कॉमर्शियल कोर्ट द्वारा 13 जुलाई 2023 और 24 नवंबर 2023 को दिये गये आदेश पर रोक लगायी. साथ ही मामले में प्रतिवादी मेसर्स केएस सॉफ्टनेट सॉल्यूशन प्रालि को चार सप्ताह में प्रति शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी.

इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि कॉमर्शियल कोर्ट के अंतरिम अवार्ड के खिलाफ अपील व स्टे पिटीशन लंबित है. इस बीच कॉमर्शियल कोर्ट ने संपत्ति अटैच करने के आदेश पारित कर दिया है. अपर महाधिवक्ता ने इस पर रोक लगाने का आग्रह किया, जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया. उल्लेखनीय है कि कॉमर्शियल कोर्ट के आदेश पर पांच दिसंबर को एफएफपी बिल्डिंग स्थित परिवहन विभाग की पूरी संपत्ति को अटैच कर ली गयी थी. इसके खिलाफ राज्य सरकार ने याचिका दायर की है.

Also Read: झारखंड हाईकोर्ट ने JPSC सिविल सर्विस परीक्षा मामले में CBI से पूछा- कब होगी जांच पूरी
यह है मामला

परिवहन विभाग ने वर्ष 2004 में नौ इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट बनाने को लेकर मुंबई की कंपनी मेसर्स केएस सॉफ्टनेट सॉल्यूशन प्रालि के साथ एग्रीमेंट किया था. दो वर्ष बीतने के बाद भी कंपनी को सिर्फ पांच स्थानों पर जमीन दी गयी. उस पर भी विभिन्न विभागों से क्लियरेंस नहीं दिया गया. 12 अप्रैल 2013 को जमीन अधिग्रहण सहित अन्य समस्याओं को देखते हुए तत्कालीन मुख्य सचिव द्वारा काम को रोक दिया गया. जब राज्य सरकार द्वारा बकाया पैसा कंपनी को नहीं दिया गया. तब कंपनी द्वारा कॉमर्शियल कोर्ट रांची में मामला दायर किया गया. 13 जुलाई 2023 को कोर्ट ने परिवहन विभाग की संपत्ति जब्त करने का आदेश पारित किया, लेकिन जिला प्रशासन से सहयोग नहीं मिला, जिससे कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हो सका. इसके बाद कोर्ट ने दोबारा संपत्ति अटैच करने का आदेश जारी किया. कंपनी का झारखंड सरकार पर 10 करोड़ छह लाख 71 हजार रुपये से अधिक बकाया है. इस राशि पर 15 फीसदी की दर से ब्याज भी भुगतान करना है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें