प्रतिनिधि, डकरा
पर्यावरण संरक्षण, विस्थापन, स्वरोजगार, शिक्षा, स्थानीय संस्कृति-भाषा आदि के क्षेत्र में काम करने के कारण देश-विदेश में विख्यात स्वयंसेवी संस्था जागृति विहार परिसर से वृक्षों की कटाई की जा रही है. साथ ही भवन मरम्मत के नाम पर जमीन भी बेची जा रही है. इससे संबंधित खबर बुधवार को प्रभात खबर में छपने के बाद कई लोग सामने आकर इसपर आवाज उठाने लगे हैं. जागृति विहार के संस्थापक स्व सचिदानंद उपाध्याय के नजदीकी रहे बिरसा विस्थापित मंच के अध्यक्ष बहुरा मुंडा, संरक्षक रवींद्र नाथ चौधरी ने कहा कि संस्था से जुड़े सुशील तिवारी के साथ मिलकर एनके एरिया का विश्व संपोषित परियोजना केडीएच परियोजना से विस्थापित हुए लोगों को पुनर्वास कर बिरसा नगर बनाया गया था. साथ ही स्कील डेवलपमेंट कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति जनजाति के विकास को लेकर सैकड़ों महिलाएं स्वयंसहायता समूह बनाकर काम कर रही हैं. ऐसी गौरवशाली संस्था को उजाड़ने की किसी भी तरह की साजिश के खिलाफ हमलोग लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. सोसायटी एक्ट 21/72 के अनुसार इसकी जमीन बेचना गैरकानूनी कृत है. जमीन दलालों के साथ मिलकर जो सफेदपोश नकाब ओढ़े जमीन बेचने और पेड़ काटने का काम शुरू किया है उन्हें बेनकाब कर संस्था को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी जायेगी.डीसी को जानकारी देकर होगी लड़ाई की शुरुआत
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया आंबेडकर के प्रदेश महिला महासचिव रंजना गिरि ने कहा कि जागृति विहार के संस्थापक ने मैक्लुस्कीगंज को बहुत कुछ दिया है. इस संस्था को बचाकर उनकी आत्मा की शांति का एक बड़ा लड़ाई लड़ी जायेगी. प्रभात खबर ने इस मामले को उठाकर पूरे गंज के वासियों का ध्यान आकृष्ट कराकर इसके लिए जिम्मेदारी पूर्वक काम करने के लिए प्रेरित किया है. उपायुक्त को लिखित जानकारी देकर इस लड़ाई की शुरुआत की जायेगी.दस एकड़ से अधिक जमीन बेच दी गयी
खबर छपने के बाद प्रभात खबर प्रतिनिधि को कई लोगों ने फोन कर अपनी बात कही है. कुछ लोगों ने आभार जताया तो कुछ लोगों ने आक्रोश भी व्यक्त किया. कई लोगों से बात करने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि यहां की जमीन बेचने को लेकर ही इसे उजाड़ा जा रहा है और दस एकड़ से अधिक जमीन बेच भी दी गयी है. बेंगलुरु में रहने वाले एक बड़े जमीन दलाल ने सबसे बड़ा सौदा किया है. खबर छपने के बाद स्थानीय खरीदारों में हड़कंप मच गया है.
बिल्डिंग मरम्मत के लिए जमीन बेचने का लिया था निर्णय : सचिव
जागृति विहार के सचिव राजेश प्रशांत ने बताया कि जर्जर होती बिल्डिंग की मरम्मत करवाने के लिए कुछ जमीन बेचने का निर्णय लिया गया था. पेड़ों की कटाई गलत है. बताया कि कुछ लोग पहले भी पेड़ काटे हैं. मैं इलाज के लिए हैदराबाद में हूं और जल्द लौटकर मामले को देखेंगे. डिस्पेंसरी चलाया जा रहा है और लोगों की सेवा की जा रही है.प्रभात खबर में छपी खबर का प्रति भेजा गया विदेश
संस्था से जुड़े लोगों ने प्रभात खबर में छपी खबर की प्रति को दूसरे ऐसे देश में रहने वाले लोगों को भी भेजा है जिनका जुड़ाव जागृति विहार से है. मैक्लुस्कीगंज को लेकर वन विभाग की भूमिका संदेहास्पद है. क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वन भूमि का अतिक्रमण खुलेआम हो रहा है, लेकिन विभाग के लोग कब्जाधारी के साथ ही मधुर संबंध बनाये हुए हैं, जिससे उनकी भूमिका को लेकर कई तरह की चर्चा है.
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