मामले की अगली सुनवाई चार सितंबर को होगी रांची . झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में पहाड़ों को काट कर पत्थर निकाले जाने व जंगल बचाने को लेकर दायर विभिन्न जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थियों का पक्ष सुना. खंडपीठ ने माैखिक रूप से जानना चाहा कि राज्य में स्टेट एनवायरमेंट असेसमेंट इंपैक्ट ऑथरिटी (सिया) सक्रिय है या नहीं. सिया स्थल निरीक्षण करती है या नहीं. पर्यावरण सुरक्षा के लिए सिया की ओर से क्या-क्या कार्रवाई की गयी है. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर खंडपीठ ने सिया के सचिव को अगली सुनवाई के दाैरान सशरीर उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने चार सितंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से बताया गया कि सरकार व सिया की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया है. वह विरोधाभासी है. वहीं सिया की ओर से बताया गया कि रिपोर्ट के आधार पर मामले में कार्रवाई की जाती है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अनुराग कुमार राय, कामता प्रसाद सिंह, मो खालिक अंसारी व अन्य की ओर से अलग-अलग जनहित याचिका दायर की गयी है. याचिका में कहा गया है कि पहाड़ों को काट कर अवैध खनन किया जा रहा है. साहिबगंज में पत्थर क्रशर से गंगा नदी प्रदूषित हो रही है. अवैध खनन से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है.
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