रांची. राज्य में आयोजित होनेवाली नीट (यूजी), जेइइ (मेंस) और सीयूइटी सहित अन्य परीक्षाओं को कदाचार मुक्त संपन्न कराने की कवायद की जा रही है. इसके लिए सरकार ने दो राज्यस्तरीय और जिलास्तरीय कमेटी बनायी है. राज्यस्तरीय समन्वय कमेटी का नोडल अफसर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह को बनाया गया है. इस कमेटी में आइजी अभियान एवी होमकर, एनटीए की ओर से मनोनीत नोडल अफसर कर्नल विजय कुमार, एनआइसी के राज्य सूचना पदाधिकारी, स्पेशल ब्रांच के आइजी प्रभात कुमार और उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक राम निवास यादव शामिल किये गये हैं. सरकार ने इस कमेटी की भूमिका और जिम्मेवारी भी तय की है. यह कमेटी मुख्य सचिव, डीजीपी और डीजी एनटीए के बीच समन्वय स्थापित करने का काम करेगी.
पेपर लीक करनेवाले गिरोह को चिह्नित करेगी
राज्यस्तरीय कमेटी परीक्षा के दौरान पेपर लीक करनेवाले गिरोह को चिह्नित कर गिरोह के सिंडिकेट को तोड़ने की रणनीति तैयार करेगी. इसके अलावा परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हो, यह सुनिश्चित करेगी. कमेटी जिलास्तरीय कमेटी के कार्यों का निरीक्षण करने के साथ समय-समय पर एनटीए को सुझाव भी देगी.
डीसी होंगे जिलास्तरीय कमेटी के अध्यक्ष
दूसरी ओर जिलास्तरीय समिति का अध्यक्ष संबंधित जिले के डीसी को बनाया गया है. वहीं एनटीए के जिलास्तरीय नोडल अफसर, जिला शिक्षा अधिकारी, जिलास्तरीय इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी और एनआइसी के अधिकारी को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.
जिलास्तरीय समिति परीक्षा केंद्रों का चयन करेगी
जिलास्तरीय समिति को पूर्व में आयोजित परीक्षा का रिव्यू करने के बाद परीक्षा केंदों के चयन की जिम्मेवारी दी गयी है. केंद्रों का चयन करने से पहले सेंटर का बैक ग्राउंड, संचालक का पुराना इतिहास और पुराने पेपर लीक से संबंधित मामलों का भी सत्यापन किया जायेगा. कमेटी को पेपर लीक करनेवाले संदिग्धों की सूची तैयारी करने और सेंटर में परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है