रांची. पारसनाथ से खंडगिरी उदयगिरी विहार के क्रम में परमपूज्य 108 श्री सुतीर्थ सागर जी महाराज मंगलवार को अपर बाजार, रांची पहुंचे. सुबह प्रवचन देते हुए मुनिश्री ने कहा कि व्यक्ति उम्र या कद से बड़ा नहीं होता, बल्कि अपने गुणों से बड़ा बनता है. इन्हीं गुणों से वह महान होता है. मुनिश्री ने कहा कि अक्सर व्यक्ति के अंदर महानता आने पर अहंकार प्रवेश कर जाता है और यही अहंकार उसके पतन का कारण बनता है. उन्होंने कहा कि ऊंचाई तक पहुंचना आसान है, लेकिन ऊंचाई पर टिके रहना अत्यंत कठिन, और इसके लिए नम्रता सबसे आवश्यक है. नम्रता व्यक्ति को जमीन से जोड़े रखती है और दीर्घकालीन सफलता का आधार बनती है. उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य और दूसरों के प्रति सकारात्मक व्यवहार ही व्यक्ति को समाज में सम्मान दिलाते हैं. केवल लंबी उम्र पाना महानता नहीं है, बल्कि उत्तम गुण, पवित्र कर्म और चरित्र ही मानव जीवन को सार्थक बनाते हैं. कम उम्र का व्यक्ति भी अपने विशिष्ट गुणों और सेवा भाव से महान बन सकता है. धर्म सभा में पूरणमल सेठी, प्रदीप बाकलीवाल, जीतेंद्र छाबड़ा, माणकचंद काला, नरेंद्र पांड्या, प्रमोद झांझरी, कैलाशचंद बड़जात्या, चेतन पाटनी, टिकमचंद छाबड़ा, सुबोध बड़जात्या, मनोज काला, सौरभ विनायक्या, राजेश छाबड़ा सहित समाज के अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे.
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