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Ranchi news : हजारीबाग में ट्रैफिक व्यवस्था मामले में हाइकोर्ट सख्त, पूछा : क्यों नहीं हुआ आदेश का पालन

हजारीबाग के उपायुक्त, एसपी व नगर आयुक्त सशरीर हाजिर हुए

हजारीबाग के उपायुक्त, एसपी व नगर आयुक्त सशरीर हाजिर हुए

-मामले की अगली सुनवाई सात अक्तूबर को होगी.

-मामला हजारीबाग शहर में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार का.

वरीय संवाददाता, रांची

झारखंड हाइकोर्ट ने हजारीबाग शहर में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी व प्रतिवादियों का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने जवाब पर नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने अधिकारियों से माैखिक कहा कि हजारीबाग कितना बड़ा शहर है. छोटा शहर है. एक छोटे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी दुरूस्त नहीं हो पा रही है. यह स्थिति तब है, जब हाइकोर्ट ने बार-बार सुधार के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है. एडवोकेट कमिश्नर ने भी स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट दी है. उसमें भी कोई सुधार होने की बात नहीं कही गयी है. ऐसा प्रतीत होता है कि कोर्ट के आदेश को हल्के में लिया जा रहा है. यह स्थिति बरदाश्त नहीं की जायेगी. हजारीबाग की सड़कों को पूरी तरह से अतिक्रमणमुक्त किया जाये. सड़कें खाली रहनी चाहिए. जाम की शिकायतें नहीं मिलनी चाहिए.

खंडपीठ ने हजारीबाग में स्वचालित ट्रैफिक लाइट मॉनिटरिंग सिस्टम, पर्याप्त संख्या में सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे सहित अन्य उपकरण लगाने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने उपायुक्त से पूछा कि निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया, इस पर उपायुक्त की ओर से बताया गया कि ट्रैफिक लाइट मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने में 38 करोड़ 96 लाख रुपये का प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजा गया है. स्वीकृति नहीं मिली है. इस पर चीफ जस्टिस श्री चाैहान ने उपायुक्त से कहा कि आप अभी सचिव से बात करें और कोर्ट को बतायें कि कितने दिनों में अनुमति मिलेगी. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई कुछ देर के लिए स्थगित कर दी. जब मामले की सुनवाई दोबारा शुरू हुई, तो उपायुक्त ने बताया कि चार सप्ताह का समय मिलने पर सिस्टम दुरुस्त कर लिया जायेगा. 249 नटे सीसीटीवी कैमरे जल्द उपलब्ध हो जायेंगे, फिर इसे इंस्टॉल किया जायेगा. इसके बाद खंडपीठ ने चार सप्ताह का समय देते हुए निर्देश दिया कि हजारीबाग की ट्रैफिक व्यवस्था में तत्काल सुधार किया जाये. यातायात के परिचालन में किसी प्रकार की बाधा नहीं होनी चाहिए. ट्रैफिक सिस्टम लगाने में उच्च क्वालिटी का ध्यान रखा जाये. गुणवक्ता वाले सीसीटीवी कैमरा लगायें और समय-समय पर उसका मेंटेनेंस भी होता रहे, ताकि वह अच्छी तरह काम कर सके. इसके अलावा खंडपीठ ने कहा कि वाहनों से काला शीशा, प्रेशर हॉर्न के खिलाफ कार्रवाई की जाये. दो पहिया वाहनों पर ट्रिपल राइड व बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर कार्रवाई की जाये. ई रिक्शा की भी मॉनिटरिंग करने की बात कही. मामले की अगली सुनवाई के लिए सात अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. मामले की सुनवाई के दाैरान हजारीबाग के उपायुक्त, एसपी व नगर आयुक्त सशरीर हाजिर थे. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से सरकार व नगर निगम के जवाब का विरोध किया गया. निगम ने अपने जवाब में कहा है कि सभी सीसीटीवी कैमरा फंक्शनल हैं, यह गलत है. कोर्ट को गलत जानकारी दी जा रही है. कैमरे खराब पड़े हैं तथा जंग भी लगा हुआ है. इससे कैमरे की क्वालिटी का पता चलता है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अच्यूत स्वरूप मिश्रा ने जनहित याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि हजारीबाग में ट्रैफिक लाइट की व्यवस्था नहीं है. पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लगभग सभी चौक-चौराहों पर जाम की स्थिति बनी रहती है. प्रार्थी ने ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार की मांग की है.

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