रांची : झारखंड समेत पूरे देश में आज बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. इसके लिए केंद्र सरकार जहां युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रम संचालित करती है, तो वहीं राज्य सरकार भी मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत युवाओं को 1000 रुपये देती है. तो वहीं ट्रांसजेंडर और य़ुवतियों को 1500 रुपये की सहायता देती है. हेमंत सरकार की कौशल श्रम, रोजगार और प्रशिक्षण विभाग ने इसकी शुरूआत की थी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के युवाओं को उघोग के स्टैंडर्ड अनुसार प्रशिक्षण विभाग प्रदान करना है.
स्वरोजगार से भी जोड़ता है मुख्यमंत्री सारथी योजना
मुख्यमंत्री सारथी योजना की मदद से न सिर्फ युवाओं को रोजगार मिलता है बल्कि यह स्वरोजगार की दिशा में भी लोगों को आगे बढ़ने में मदद करता है. प्रशिक्षण का पूरा खर्च सरकार वहन करती है. यह योजना सभी वर्गों के लिए है.
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क्या क्या हैं फायदे
इस योजना से जुड़ने के कई फायदे हैं. इसके तहत युवाओं को उद्योग संबंधित सभी कार्यों की निशुल्क ट्रेनिंग दी जाती है. इसके अलावा सॅाफ्ट स्किल को विकसित करने के साथ आईटी का भी प्रशिक्षण भी दिया जाता है. यदि प्रशिक्षण के बाद युवओं को रोजगार नहीं मिलता है तो उन्हें एक साल तक 1 हजार रुपये और युवतियों और ट्रासजेंडर को 1,500 रु माह दिया जाऐगा. साथ ही, गैर आवासीय प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों को उनके घर से प्रशिक्षण केंद्र तक आने-जाने के लिये प्रतिमाह एक हजार रुपये डीबीटी के माध्यम से भेजे जाते हैं.
आवेदन के लिए क्या क्या जरूरी है दस्तावेज
आधार कार्ड
बैंक पासबुक
पासपोर्ट साइज फोटो
शैक्षणिक प्रमाण पत्र
कैसे ले सकते हैं लाभ
मुख्यमंत्री सारथी योजना से जुड़ने के लिए लाभुक की न्यूनतम आयु 18 और अधिकतम 35 वर्ष होना चाहिए. वहीं, एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग के लिए अधिकतम आयु उम्र सीमा 50 वर्ष रखी गयी है. इसके अलावा युवकों को कंप्यूटर कोर्स के लिए 10वीं पास और युवतियों के सिलाई पाठ्यक्रम के लिए आठवीं पास होना अनिवार्य है. निबंधन कराने के लिए लाभुक को जिला के नियोजन कार्यालय में आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, बैंक खाता, आवासीय प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र और दो पासपोर्ट साइज फोटो लेकर पहुंचना है. निबंधन करा के इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
इनपुट : लीजा बाखला