रांची. गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे एचइसी में कर्मियों की स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है. कर्मियों को पूर्व में मिल रही सुविधा एक-एक कर बंद कर दी गयी. जिसे जल्द लागू करने की मांग समय-समय पर श्रमिक संगठनों द्वारा प्रबंधन से की जाती रही है. अप्रैल माह मिलाकर कर्मियों के 26 माह का वेतन बकाया हो गया है, जनवरी 2024 से पे-स्लीप नहीं दिया जा रहा है, कैंटीन सुविधा बंद कर दी गयी है, पीएफ में हर माह पैसा जमा नहीं किया जा रहा है. सप्लाई कर्मियों को इएसआइ की सुविधा नहीं दी जा रही है. ग्रेच्युटी भुगतान 2018 से बंद है. इसके अलावा लीव इनकैशमेंट वर्ष 2017 से बंद है. नियमित रूप से पीएफ जमा नहीं करने के कारण सेवानिवृत्त होने पर कर्मियों के पेंशन में कटौती की जा रही है. सेवानिवृत्त होने के तीन माह बाद क्वार्टर का किराया मार्केट रेट पर लिया जा रहा है. इस बाबत हटिया कामगार यूनियन के उपाध्यक्ष लालदेव सिंह ने कहा कि एक ओर भारी उद्योग मंत्रालय ने एचइसी को आर्थिक सहयोग करने से मना कर दिया है. वहीं भेल के अधिकारियों को निदेशक के रूप में कार्यभार दिया है. केंद्र और राज्य की एजेंसियां भी कर्मियों की मांगों को अनसुना कर रही हैं. श्रमिक संगठनों द्वारा कर्मियों की बंद सुविधा को बहाल करने के लिए कई बार कहा गया, लेकिन प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इएसआइ की सुविधा नहीं मिलने से 10 सप्लाई कर्मियों का असमय देहांत हो चुका है.
ठेका कामगार का कार्यकाल तीन माह बढ़ेगा : लीलाधर
इधर, हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के महामंत्री लीलाधर सिंह ने कहा कि ठेका कामगार का कार्यकाल तीन माह के लिए बढ़ाया जायेगा. इसके लिए प्रबंधन ने सहमति दे दी है. ठेका कामगार पहले सप्लाई कामगार के नाम से जाने जाते थे, लेकिन कुछ श्रमिक संगठनों के कारण सप्लाई कामगार सभी सुविधा को गंवाकर मात्र ठेका कामगार के रूप में जीवनयापन करने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि यूनियन जल्द ही प्रबंधन से वार्ता कर धीरे-धीरे पूर्व में मिल रही सुविधा को बहाल करायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है