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गर्मी का कहर, लपरा में पारा 42 डिग्री

भीषण गर्मी परेशानी का सबब, दुबके लोग, सूखे नदी व नाले

प्रतिनिधि, मैक्लुस्कीगंज मैक्लुस्कीगंज में प्रचंड गर्मी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसर गया है. क्षेत्र की नदियां सूख गयी हैं. गुरुवार को लपरा में अधिकतम तापमान 42 डिग्री पर पहुंच गया है. एक अनुमान के अनुसार ही 45 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है. क्षेत्र में दिन के 10 बजते ही सन्नाटा पसर जाता है. गर्म हवाओं के चलने से लोगों को जीना मुहाल हो गया है. मैक्लुस्कीगंज के विख्यात डेगाडेगी नदी, दामोदर नद, नावाडीह तालाब सहित अन्य चुआं, झरना का जलस्तर नीचे चला गया और लगभग सुख चुकी है. वहीं नदी नाला में बचा रह गया पानी मटमैला हो गया है. जिससे जंगली जानवरों, पशु-पक्षियों सहित पालतू पशुओं को परेशानी होने लगी है. मजदूर वर्ग के साथ-साथ आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. झुलसा देनेवाली गर्मी से राहट पाने के लिए लोग हेलमेट, गमछा, चश्मा, ग्लव्स, छाता आदि का सहारा ले रहे हैं. खलारी प्रखंड क्षेत्र में कई जगहों पर जलापूर्ति की समस्या है. शाम छह बजे के बाद स्थिति सामान्य हो रही है. मैक्लुस्कीगंज में सूखने के कगार पर हैं चारों नदियां : मैक्लुस्कीगंज में पूर्व दिशा में सोनाडूबी नदी है. पश्चिम दिशा में धारा प्रवाह बहती चटी नदी है. उत्तर दिशा में डेगा डेगी और दक्षिण दिशा में बाला नदी है. लेकिन प्रचंड गर्मी, धूप व लहर से सभी नदियों में पानी लगभग सुख चुकी है. क्या कहते हैं अंचलाधिकारी : खलारी के सीओ प्रणव कुमार अंबष्ट ने मजदूर वर्गों से ज्यादा देर तक बाहर धूप में नहीं रहने की अपील की है. कहा कि झारखंड में कई जिलों में सहित पूरे खलारी में गर्मी कहर बरपा रही है. राज्य में एक जून तक के लिए अलर्ट जारी किया गया है. जिसके मद्देनजर खलारी अंचल वासियों सहित गर्भवती महिलाओं, शिशुओं, बुजुर्गों को सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है. क्या कहते हैं चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रवींद्र कुमार : भीषण गर्मी को देखते हुए चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रवींद्र कुमार ने लोगों को हीट वेव से बचने की सलाह दी है. कहा कि हीट वेव का खतरा चरम पर है. बुजुर्गों, शिशुओं, गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक सतर्कता बरतनी है. कहा कि ज्यादा हाई प्रोटीन वाली, तली-भुनी चीजों का सेवन से बचें. रसीले व मौसमी फलों का सेवन करें. कड़ी धूप से दस्त, डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक, हीट क्रैंप आदि मौसमी बीमारी से बचने के लिए 10 से 15 ग्लास पानी या जरूरत के हिसाब से राहत पहुंचाने वाली पेय पदार्थ का सेवन करें. हरी सब्जियों का सेवन के साथ भूख से कम आहार लेने की बात कही है. उन्होंने गंभीर समस्या उत्पन्न होने पर तुरंत निकटतम चिकित्सीय सलाह लेने का आग्रह किया.

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