रांची : गैंगस्टर अमन साहु ने अपने अपराध का दायरा बढ़ाने के लिए झारखंड के उग्रवादी संगठन टीएसपीसी, पीएलएफआई, जेजेएमपी और आपराधिक गिरोह झांगुर ग्रुप से अपना संपर्क बढ़ाया. उसने लेवी के लिए उग्रवादियों के सहयोग से भी कुछ घटनाओं को अंजाम दिलाया. इसमें तेतरियाखाड़ कोलियरी में आगजनी और फायरिंग की घटना प्रमुख थी. उसने गिरोह का दायरा बढ़ाने के लिए दूसरे राज्यों के अपराधियों से भी संपर्क किया.
दूसरे राज्य के अपराधियों से भी लेता था सहयोग
अमन साहु हथियार मंगवाने के लिए दूसरे राज्यों के अपराधियों से भी सहयोग लेता था. अमन साहु हवाला कारोबार के माध्यम से पैसे का लेन-देन करता था और उसने गिरोह द्वारा वसूले गये पैसे को जमीन के कारोबार से लेकर होटल के कारोबार में निवेश किया है.
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गिरोह के छिपने का स्थान
बिहार में भवानीपुर, नवगछिया, कोसी नदी के दियारा में, भागलपुर में नयन सिंह के बताये स्थान पर, कटिहार में महाराणा यादव के साथ दियारा में, पूर्णिया में क्रिमिनल शर्मा यादव के साथ, काठमांडू में, हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर में, गोरखपुर में और आरा में अभय पांडेय के ठिकाने पर.
रंगदारी में प्राप्त रुपये कहां निवेश किया
बुढ़मू में 75 डिसमिल जमीन परिवार के नाम पर खरीदी, कांके में 44 एकड़ जमीन सुजीत सिन्हा ने कल्लूबंगाली के नाम पर एग्रीमेंट किया, काठमांडू के रायल एम्पायर के बुटिक होटल में सुजीत सिन्हा का पार्टनर, रांची में सुजीत सिन्हा के नाम पर फ्लैट.
हवाला का खेल
कोलकाता के बालीगंज का रहने वाले मनीष जैन से सुजीत सिन्हा के जरिये अमन साहु की मुलाकात हुई थी. मनीष जैन हवाला कारोबारी है. वह हवाला के जरिये पैसा पहुंचाने के लिए एक लाख रुपये का 3,600 रुपये कमीशन लेता था.

