स्लग :::: कांके विधायक सुरेश बैठा ने सदन पटल पर रखी मांग, जनहित में जरूरी बताया
प्रशासनिक सुविधा के मद्देनजर सरकार से शीघ्र निर्णय लेने का आग्रहफोटो:- 28 खलारी 05:- राज्य विधानसभा में खलारी को अनुमंडल बनाने का प्रस्ताव रखते विधायक सुरेश बैठा.
खलारी. कांके विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेश कुमार बैठा ने विधानसभा में गैर-सरकारी संकल्प प्रश्नकाल के दौरान खलारी प्रखंड को अनुमंडल का दर्जा देने की मांग उठायी. उन्होंने कहा कि रांची जिला मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर अवस्थित खलारी औद्योगिक और राजस्व की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है, लेकिन यहां के लोगों को अब भी प्रशासनिक कार्यों के लिए रांची जाना पड़ता है. विधायक ने सदन को अवगत कराया कि खलारी क्षेत्र में कोयला खदानें, औद्योगिक प्रतिष्ठान तथा विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मैकलुस्कीगंज मौजूद है. बावजूद इसके, यहां की जनता को आवश्यक प्रशासनिक कार्यों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि खलारी न केवल रांची से सबसे दूरी पर है, बल्कि यह चतरा, लातेहार, लोहरदगा और हजारीबाग जिलों की सीमा से भी सटा हुआ है, जिससे प्रशासनिक दृष्टि से इसका महत्व और बढ़ जाता है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि खलारी को शीघ्र अनुमंडल का दर्जा देकर यहां के नागरिकों को सुविधा प्रदान की जाये. विधायक की इस पहल का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है और खलारी के लिए इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया है.————————————
खलारी अनुमंडल गठन की अहर्ताएं पूरी करता है
रांची जिले में फिलहाल रांची सदर के अलावा केवल बुंडू अनुमंडल है, जिसकी स्थापना वर्ष 2003 में की गयी थी. उसके अंतर्गत चार प्रखंड बुंडू, राहे, सोनाहातू और तमाड़ शामिल हैं. वहीं, खलारी पुलिस अनुमंडल के अंतर्गत पहले से ही चार प्रखंड खलारी, बुढ़मू, मांडर और चान्हों के छह थाना आते हैं. इस लिहाज से खलारी अनुमंडल बनाने की सभी प्रशासनिक अहर्ताएं पूरी करता है.————————————
अनुमंडल बनने से संभावित लाभ
अनुमंडल बनने से लोगों को छोटे-छोटे प्रशासनिक कार्यों के लिए रांची जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा और स्थानीय स्तर पर ही एसडीओ कोर्ट की स्थापना से न्यायिक और राजस्व संबंधी मामलों का निपटारा संभव होगा. साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास की रफ्तार तेज होगी, रोजगार और कारोबार के अवसर बढ़ेंगे तथा मैकलुस्कीगंज जैसे पर्यटन स्थल और कोयला क्षेत्र को सीधा प्रशासनिक लाभ मिलेगा. इसके अलावा सीमावर्ती जिलों से सटे होने के कारण खलारी में कानून-व्यवस्था भी और अधिक मजबूत हो सकेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

