रांची. स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव डॉ नेहा अरोड़ा के नेतृत्व में उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनायी गयी है. यह कमेटी सदर अस्पताल चाईबासा स्थित ब्लड बैंक के रिकॉर्ड, स्टॉक, जांच परीक्षण, भंडारण और वितरण की संपूर्ण प्रक्रिया की गहन जांच करेगी. जांच समिति यह भी देखेगी कि अन्य जिलों में संचालित रक्त कोषों की कार्यप्रणाली में समान प्रकार की त्रुटि तो नहीं है. जांच रिपोर्ट सात दिनों में विभाग को दी जायेगी.
विशेष सचिव डॉ नेहा अरोड़ा कमेटी की अध्यक्ष बनायी गयीं
जांच टीम में स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव डॉ नेहा अरोड़ा को अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं डॉ सिद्धार्थ सान्याल निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं, डॉ एसके सिंह निदेशक चिकित्सा शिक्षा, डॉ सुषमा कुमारी अपर प्राध्यापक (प्रभारी रक्त कोष) रिम्स, ऋतु सहाय संयुक्त निदेशक (औषधि)-राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय और डॉ अमरेंद्र कुमार डब्ल्यूएचओ रांची एसटीआरएल सदस्य बनाये गये हैं.
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को सीएस का प्रभार
इस मामले में चाईबासा सिविल सर्जन डॉ सुशांतो कुमार मांझी को निलंबित कर दिया गया है. वहीं सदर अस्पताल, चाईबासा की अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी-1 डॉ भारती गोरेती मिंज को सिविल सर्जन का प्रभार दिया गया है. चाईबासा डीसी की रिपार्ट पर वहां के ब्लड बैंक में तैनात चिकित्सा पदाधिकारी सह प्रभारी रक्त कोष डॉ दिनेश चंद्र सवैयां को भी दोषी ठहराया गया है. डीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का प्रशासनिक एवं पर्यवेक्षण का दायित्व डॉ दिनेश के ऊपर था. उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही अलग से शुरू की जायेगी.
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