14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

तीन दिनों में सीसीएल का 30 रैक कोयला रुका

कोल इंडिया के तीन दिनों की हड़ताल में सीसीएल के उत्पादन और डिस्पैच पर व्यापक असर पड़ा है. तीन दिनों में करीब 30 रैक कोयला बाहर नहीं जा सका. हर दिन सीसीएल से करीब 24 रैक कोयला बाहर जाता है. इधर हड़ताल के कारण सिर्फ 14-15 रैक कोयला ही डिस्पैच हो सका है. इस तरह करीब 50 फीसदी से अधिक उत्पादन प्रभावित रहा. हड़ताल के पहले दिन करीब 80 फीसदी कर्मी काम पर नहीं आये थे. धीरे-धीरे कुछ कर्मी काम पर लौटे. पर अब भी मैनपावर की करीब 75 फीसदी कमी बरकरार है.

रांची : कोल इंडिया के तीन दिनों की हड़ताल में सीसीएल के उत्पादन और डिस्पैच पर व्यापक असर पड़ा है. तीन दिनों में करीब 30 रैक कोयला बाहर नहीं जा सका. हर दिन सीसीएल से करीब 24 रैक कोयला बाहर जाता है. इधर हड़ताल के कारण सिर्फ 14-15 रैक कोयला ही डिस्पैच हो सका है. इस तरह करीब 50 फीसदी से अधिक उत्पादन प्रभावित रहा. हड़ताल के पहले दिन करीब 80 फीसदी कर्मी काम पर नहीं आये थे. धीरे-धीरे कुछ कर्मी काम पर लौटे. पर अब भी मैनपावर की करीब 75 फीसदी कमी बरकरार है.

मजदूरी के 10 करोड़ की बचत : तीन दिनों में कर्मियों के नहीं आने से कंपनी को वेतन मद में करीब 10 करोड़ रुपये की बचत होगी. सीसीएल में एक कर्मी पर प्रति कार्य दिवस औसतन 1500 रुपये का खर्च होता है. सीएमपीडीआइ में भी तीन दिनों में 65 से 70 फीसदी कर्मी तीन दिनों तक काम पर नहीं आये. एनडीए की सरकार में पहली बार भारतीय मजदूर संघ, इंटक, सीटू, एटक और एचएमएस ने मिलकर यह हड़ताल की है.

कर्मियों को अंदर घुसने से रोका गया: शनिवार को भी कई कर्मियों को मजदूर संगठनों ने काम पर जाने से रोका. सीसीएल और सीएमपीडीआइ मुख्यालय के सामने कई मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि सुबह से ही जमे थे. इसी क्रम में कई बार कर्मियों के साथ बहस भी हुई. कोयला मजदूर यूनियन के नेता अशोक यादव ने कहा है कि मजदूरों ने सरकार को अपनी ताकत का एहसास करा दिया है. अगर इसके बावजूद सरकार नहीं मानी, तो कोयला मजदूर निजी कंपनियों के एक भी खदान शुरू नहीं करने देंगे.

जब तक जीवित हैं, लड़ते रहेंगे : कोयला उद्योग में शत-प्रतिशत हड़ताल होने पर इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे ने कोयला मजदूरों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि कोयला मजदूरों के वह आजीवन आभारी रहेंगे. जब तक जीवित है, तब तक उनकी लड़ाई लड़ते रहेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें