रांची (संवाददाता). अस्तित्व-अखिल भारतीय बांग्ला भाषी समन्वय परिषद 23 अप्रैल से विभिन्न बांग्ला स्कूलों का दौरा कर वहां भाषा संबंधी आ रही परेशानियों से रूबरू होगा. साथ ही परिषद 22 अप्रैल से सदस्यता अभियान चलायेगा. उक्त निर्णय परिषद के केंद्रीय कार्यालय में कोर कमेटी की हुई बैठक में लिया गया. साथ ही परिषद के सदस्य 25 अप्रैल से मुहल्लों का भ्रमण कर वहां की समस्याओं के बारे में जानकारी एकत्रित करेंगे.
बैठक में परिषद की विभिन्न रणनीतियों पर भी चर्चा की गयी. बैठक बैठक को संबोधित करते हुए परिषद के अध्यक्ष अभिजीत दत्ता गुप्ता ने कहा कि बांग्ला भाषा एक समृद्ध भाषा है और राज्य की द्वितीय राजभाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है. राज्य के अधिकतर जिलों में इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल होता है. इसके बावजूद बांग्ला भाषा और इसके ऐतिहासिक महत्व को मिटाने की साजिशें की जा रही हैं. राजभवन और रेलवे स्टेशनों से बांग्ला भाषा में लिखे नामों को हटाना निंदनीय व चिंताजनक है. यह बांग्ला भाषा के साथ अन्याय और बांग्लाभाषियों के अस्तित्व पर सीधा प्रहार है, जिसे किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जायेगा. अध्यक्ष ने कहा कि बांग्ला भाषा-भाषी यहां के मूलवासी हैं और राज्य के विकास में उनकी भूमिका सदैव महत्वपूर्ण रही है. इसके बावजूद, विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा बांग्लाभाषियों की उपेक्षा चिंता का विषय है. अब राज्य के बांग्लाभाषी अपने अधिकार और सम्मान के लिए एकजुट होकर संघर्ष करेंगे. बैठक की अध्यक्षता और संचालन करते हुए परिषद के केंद्रीय महासचिव अभिजीत भट्टाचार्य ने कहा कि विगत दिनों बरकट्ठा के विधायक द्वारा बंगालियों के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की गयी थी. इसकी शिकायत संबंधित दल के अध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष समेत अन्य मंचों पर की गयी. इसके बावजूद उन्होंने अब तक ना ही माफी मांगी और न ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है. इससे बांग्लाभाषियों में रोष व्याप्त है. उन्होंने कहा कि परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल विभिन्न मांगों को लेकर शीघ्र राज्यपाल व मुख्यमंत्री से मिलेगा. बैठक में पार्थप्रतिम दासगुप्ता, सौमित रॉय, रीता डे, नीता भट्टाचार्य, सुब्रतो बनर्जी, विश्वजीत गांगुली, सुदीप्त भट्टाचार्य, कौशिक बनर्जी, अभिजीत विश्वास, मीता दान, उत्तम बनर्जी, कौशिक भट्टाचार्य, मानिक तुलाल, बुद्धदेव विश्वास, सौमित्रो भट्टाचार्य, प्रणव, प्रदीप आरोही, पापलू सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे. बैठक में सभी सदस्यों ने संकल्प लिया कि बांग्ला भाषा, संस्कृति और समाज को सम्मान व अधिकार दिलाने के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा.बैठक में पारित प्रस्ताव
बांग्ला भाषियों के सामाजिक-राजनीतिक प्रतिनिधित्व को सशक्त बनानयी जायेगी. इसके लिए राज्य भर में सदस्यता अभियान चलेगाराज्यभर में बांग्ला भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु सशक्त अभियान चलाया जायेगामातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार हेतु आंदोलन की रूपरेखा तैयार
आगामी सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तयडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है