रांची. भारतीय सर्वेक्षण विभाग के निदेशक टीपी मलिक ने कहा कि गुणवत्तायुक्त शोध के लिए प्रमाणिक आंकड़े अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं. गुणवत्तायुक्त शोध के लिए प्रामाणिक सरकारी डाटा संग्रह महत्वपूर्ण होता है. विद्वानों और शोधकर्ताओं को मूल्यवान संसाधनों को अपनी शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल करने का प्रयास करना चाहिए. श्री मलिक गुरुवार को रांची विवि स्नातकोत्तर भूगोल विभाग व एनएजीआइ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के समापन समारोह में बोल रहे थे. वहीं एनएजीआइ के अध्यक्ष प्रो सलाउद्दीन कुरैशी ने दुनिया के सामने मौजूद ज्वलंत मुद्दों पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सच्ची स्थिरता केवल मानवीय चेतना के जागरण और जिम्मेदारी से ही प्राप्त की जा सकती है. केलानिया विवि, श्रीलंका के प्रो लाल मर्विन धर्मसिरी ने कहा कि यह सेमिनार शैक्षणिक ज्ञान और सीमा पार सहयोग के लिए एक उल्लेखनीय मंच रहा. सेमिनार में प्रो बिमला चरण शर्मा, प्रो सुरेश चंद्र राय, डॉ प्रबुद्ध मिश्रा, डॉ जेके महतो, डॉ एसके शर्मा, डॉ राम कुमार तिवारी, डॉ एलआरकेएन शाहदेव, डॉ एमपी प्रजापति, डॉ अरुणा, डॉ एके शर्मा, डॉ आरके लाल, डॉ वासुदेव प्रसाद, डॉ एनके महतो आदि ने भी अपने विचार रखे. विभागाध्यक्ष डॉ जीतेंद्र शुक्ला ने आगंतुकों का स्वागत किया और डॉ सुनील ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.
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