ADR Report on Chief Ministers: भारत के 27 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों के कुल 30 मुख्यमंत्रियों में से 40 फीसदी पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. चुनाव अधिकार संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक नयी रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. रिपोर्ट के अनुसार, देश के 30 मुख्यमंत्रियों में से 12 यानी 40 प्रतिशत ने बताया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं. इस लिस्ट में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बी शामिल हैं. उन्होंने अपने ऊपर 5 आपराधिक मामले घोषित किये हैं. वह बरहेट से विधायक हैं.
एक मामले में आरोप तय, ट्रायल पर हाईकोर्ट की रोक
हेमंत सोरेन संताल परगना के साहिबगंज जिले की अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट बरहेट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर विधायक चुने गये हैं. उनके खिलाफ आईपीसी के तहत 7 गंभीर मामले दर्ज हैं. आईपीसी के तहत अन्य 3 केस दर्ज हैं. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 171एफ के तहत दर्ज केस में वर्ष 2019 में उन पर आरोप तय हो चुका है. इसके खिलाफ उन्होंने अपील दायर की है. उनकी अपील पर हाईकोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगा रखी है.
ADR Report: तेलंगाना के सीएम पर सबसे ज्यादा 89 केस
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अपने खिलाफ सबसे अधिक 89 मामले घोषित किये हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 47 मामले घोषित किये हैं. आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 19, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने 13 और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 5 मामले घोषित किये हैं.
सबसे कम केस पंजाब के सीएम भगवंत मान पर
महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस और सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 4-4 मामले, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 2 और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सबसे कम 1 मामला घोषित किया है.
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30 दिन की गिरफ्तारी पर पद से हटाने का है प्रावधान
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आयी है, जब सरकार 3 विधेयक लायी है, जिनमें गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिनों के लिए गिरफ्तार किये गये प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने का प्रावधान है.
33 प्रतिशत मुख्यमंत्रियों पर गंभीर आपराधिक मामले
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 10 यानी 33 प्रतिशत मुख्यमंत्रियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है, जिनमें हत्या के प्रयास, अपहरण, रिश्वतखोरी और आपराधिक धमकी से जुड़े मामले शामिल हैं.
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मुख्यमंत्रियों के हलफनामा से लिये गये हैं आंकड़े – एडीआर
एडीआर ने कहा कि उसने राज्य विधानसभाओं और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी 30 मौजूदा मुख्यमंत्रियों की ओर से खुद दिये गये हलफनामों का विश्लेषण किया है. यह डेटा उनके द्वारा दायर किये गये हलफनामों से लिया गया है, जो उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल किया था.
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