रांची. राज्य में बिना रजिस्ट्रेशन व स्टांप शुल्क के माइनिंग की जमीन के निबंधन का मामला लगातार सामने आ रहा है. इस क्रम में राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव व निबंधन महानिरीक्षक ने कंपनियों को चिह्नित करके स्टांप शुल्क व रजिस्ट्रेशन शुल्क वसूलने का आदेश दिया है. इस पर सभी जिलों में कार्रवाई हो रही है. अभी ऐसा ही मामला पाकुड़ जिले का आया है. महालेखाकार ने भी इस मामले को उठाया था. वहां की दो कंपनियों डब्ल्यूबीपीडीसी व पीएसपीसीएल से करीब 92 करोड़ रुपये वसूलने का आदेश दिया गया है. इन पर रजिस्ट्रेशन व स्टांप शुल्क का बकाया है. वहीं, पलामू जिले की दो कंपनियों मेसर्स आरण्या माइंस व हिंडाल्को को भी चिह्नित किया गया है. इनसे भी शुल्क वसूली की दिशा में कार्रवाई की जा रही है. जिले के अवर निबंधन को भी इस बाबत आवश्यक निर्देश दिया गया है. सरकार को राजस्व का नुकसान : विभाग ने इस तरह के मामले में सारे जिलों को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. जिलों से कहा गया है कि माइनिंग की जमीन का निबंधन तो कर दिया गया है, लेकिन स्टांप व निबंधन शुल्क नहीं लिये गये हैं. ऐसे में सरकार को इस मद में बड़ी राशि की क्षति हुई है.
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