रांची. झारखंड में डीजल के बल्क कंज्यूमर्स को वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) की दर में दी गयी छूट से राज्य सरकार के खजाने में बड़ी वृद्धि संभावित है. वाणिज्य कर विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में राज्य को मिलने वाले राजस्व में 400 से 500 करोड़ रुपये तक बढ़ोतरी का आकलन किया है. वाणिज्य कर विभाग ने बल्क कंज्यूमर्स को झारखंड से ही डीजल खरीदने को प्रोत्साहित करने के लिए उनके साथ बैठक की. सेल, सीसीएल, बीसीसीएल, टाटा, अदाणी व जिंदल जैसी कंपनियों के अलावा अन्य माइनिंग कंपनियों के प्रतिनिधियों को वैट के प्रावधान में किये गये संशोधन की जानकारी दी.
दूसरे राज्यों में कम है वैट की दर
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश व बंगाल में वैट की दर कम होने से राज्य की कोयला कंपनियों और उद्योगों के इस्तेमाल के लिए डीजल की खरीदारी पड़ोसी राज्यों से की जा रही थी. कोयला कंपनियों ने पड़ोसी राज्यों की समतुल्य दर पर झारखंड में ही डीजल मिलने के बाद यहीं से खरीदने पर सहमति दी. मालूम हो कि कैबिनेट ने राज्य की कोयला कंपनियों और उद्योगों को पड़ोसी राज्यों की तुलना में लुभावना विकल्प देने के उद्देश्य से वैट की दर में आठ अप्रैल को संशोधन करने का फैसला किया था. उसके पहले झारखंड में डीजल के बल्क कंज्यूमर्स को अब तक किसी तरह की छूट नहीं दी जा रही थी.
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